राक्षस मुनि मरे और बारिश पर लगा बंधन छूटा
मंगलवार, 8 जून 2010
आप सब लोग इस बात को भले न मान पाएं कि मौसम पर तंत्र से नियंत्रण करा जा सकता है लेकिन इसके प्रमाण के लिये कि कृत्रिम वर्षा करायी जा सकती है,भूकम्प और समुद्री तूफ़ान लाए जा सकते हैं हम पहले ही अमेरिका के सैनिक कार्यक्रम "हार्प" के हवाले से बता चुके हैं। तंत्र यानि कि सिस्टम और वो सिस्टम कुछ भी हो सकता है चाहे वह मंत्रादि से हो या वैज्ञानिक पद्धति से। बड़ी साफ़ बात है कि जो जाहिर है वह विज्ञान है और जो नहीं पता चल सका और फिर भी हो रहा है कुदरत में वह जादू जैसा प्रतीत होता है।
बारिश को बांधने के किस्से आप सभी ने सुने होंगे लेकिन इस बात की स्वीकृति सार्वजनिक मंच पर आकर देने से लोग आप पर हँसेंगे इस बात से डर कर लोग कहते नहीं हैं कि आजकल के जमाने में ये सब बातें समयबाह्य हो गयी हैं। जैसा कि भाई आदरणीय रणधीर सिंह सुमन जी डर गए कि लोग क्या कहेंगे पर ध्यान दीजिये कि विगत कुछ माह में जैसे ही कई राक्षस जैन मुनि मरे हैं उसका परिणाम आपको देखने में आ गया कि राजस्थान में आश्चर्यजनक रूप से बारिश हुई है। संभव है कि बांधी हुई बारिश इस बार अनियंत्रित रहे और बाढ़ जैसा आलम रहे लेकिन इतने समय से बंधी हुई बरखा निंयंत्रित हो कर प्रकृति के क्रम में आने में समय लेगी।
राक्षसों तुम्हारा अंत आ गया है तुम पहचान लिये गये हो देवकुली मनुष्य सचेत हो रहे हैं अब तुम अपनी ही करतूतों से मरोगे और ये धरती माता एक बार फ़िर स्वर्ग की पहचान कराएगी अपने प्राचीनतम रूप में जब सबके लिये भोजन था और सोने चाँदी आदि धातुओं की कमी न थी।
जय नकलंक देव
जय जय भड़ास
1 टिप्पणियाँ:
मेरे मरने पर पेट्रोल और मिट्टी के तेल की बारिश होगी,रोटियां और परांठे बरसेंगे कितना आनंद आएगा कि ऊर्जा और भूख का मसला हल हो जाएगा। आप बताइये कि किस किस के मरने से क्या क्या समस्याएं सुलझ जाएंगी ताकि मैं रोजाना तीन रुपये खर्च करके यमराज को अगरबत्ती और गुड़-चना चढ़ाऊं कि इच्छित लोग मर सकें भाई। भाई लोगों मैं तो जंतर-मंतर पर यकीन करता हूं जिसे मेरा मजाक बनाना हो बना ले।
जय जय भड़ास
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