रणधीर सिंह सुमन जी को दोबारा nice लिखना याद दिला दिया साथ ही नानी भी याद आयी होंगी शायद
सोमवार, 14 जून 2010
सुमन जी अब आपकी टीम के लोगों से कहिये कि इसके उसके चिट्ठों की लिंक लगा कर तेल मालिश वाले आलेख लिखने की बजाय आपके साथ खड़े रह कर आपको नाइस लिखने से बचाएं क्योंकि पिछली ही पोस्ट में आपने लिखा है कि आप नाइस लिखना भूल गये हैं लेकिन इस बन्दे ने आपको दोबारा नाइस लिखना याद दिला दिया है, ये आपको न जाने क्या क्या याद दिला रहा है ध्यान दीजिये कि बात छट्ठी-बरही तक न जा पहुंचे.... । उसने आपकी मुस्लिम और हिन्दू के बीच दीवार खड़ी करने वाली बात का साफ़ प्रमाण रख दिया है फिर भी आप उसे लिखते हैं कि वो अपना चश्मा उतार दे ताकि वर्षा हो,यार हद हो गयी निर्लज्जता की।
जय जय भड़ास
2 टिप्पणियाँ:
यकीन हो गया कि ये आदमी अव्वल दर्जे का धूर्त है जो कि सोचता है कि छोटे बच्चों की तरह हम भड़ासियों को खिझा लेगा लेकिन इसे ये नहीं मालुम कि जिस तरह यह प्राण देकर अपनी एक झूठी छवि बनाने पर लगा हुआ था उस पर खुद ही कुल्हाड़ी मार रहा है क्योंकि सचमुच कुछ लोग भड़ास पर इसके आलेख पढ़ कर इस अच्छा आदमी समझने लगे थे। वकालत भी चलती न होगी अगर यही हाल है इसकी अक्ल का। संजय कटारनवरे आप कौन है नहीं पता लेकिन आपको धन्यवाद आपने अच्छी खाल उधेड़ी इस मक्कार की साथ ही अजय भाई भी बधाई के पात्र हैं
जय जय भड़ास
mr.munendra aapki soch par taras aata hai.aapke mata pita bhi soch rahe honge ki mera beta itna NALAYAK kyu hai.kya yahi seekha hai aapne.sanskaar heen kahin ke....SUMAN JI ki tarah sachha banne ke liye sahas ki jarurat hoti hai..suman ji jindabaad
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