सलीम खान की भड़ास से फटी.
शनिवार, 24 जुलाई 2010
अपने संदिग्ध चरित्र के साथ सामाजिक मंच पर मुद्दों के बीच सेक्स पडोसने वाला ये सलीम खान सरेआम भडासी से पकड़ा गया और अब हाय तौबा मचा रहा है. अपने कुतर्कों के पकडे जाने पर भड़ास परिवार को आतंकी परिवार में तब्दील कर भले मानुस का खेल खेलने कि जुगत में सलीम मियां ये तो जान लो कि भडासी निहायत ही फटेहाल टाइप के प्राणी हैं जो सामाजिक मुद्दों पे लड़ते हैं और हाँ भडासी गाली गलौज से भी परहेज नहीं करते क्यंकि भड़ास प्यार से नहीं निकलता.
आतंक परिवार यानि कि भड़ास को मिर्ची ही नहीं लगती बल्की वो तो हमेशा मिर्ची लेकर घूमते हैं कि बस सलीम खान सरीखा टुच्चा ब्लोगर मिले और उसके पिच्च्वाड़े घुसा दें और यहाँ भी घुसा ही दिया ना.
वैसे आमलोगों के मुद्दे पर आप लोगों के लिए लड़ेंगे तो किसी का साथ मिले या ना मिले भड़ास सबसे आगे साथ होगा.
जय जय भड़ास
4 टिप्पणियाँ:
गलत, सलीम खान की तो बहुत पहले से ही फटी थी, वरना तो इतने जलील होने पर पत्थर को भी शर्म आ जाती है.
लाहौल विला कुव्वत! अजी खाक डालिए इस भडुवों पे! ये जनाब तो गली के कुत्ते से भी बदतर हैं! आप भी कहाँ इस खजैले कुत्ते की बात ले बैठे! खुदा गारत करे इन हराम के जनो को!
सबसे पहली बात बेनामी जी से कि यदि कुछ कहना है चाहे वह सलीम खान के पक्ष में हो या विरोध में सामने आकर कहिये। दूसरी बात मियाँ हुसैन जी से कि ये नाम क्या आपको वालिदैन ने दिया है या खुद ही अपनी खुशी से रख लिया योग्यता के आधार पर??हुसैन जी आपने जो भी लिखा है वह निजी नाराजगी के बासबब हो सकता है लेकिन हमने जो भी लिखा है वह नीतिगत विरोध के कारण है। मैं आपकी नाराजगी के कारण तो नहीं जानता क्योंकि निजी तौर पर सलीम खान से परिचित नहीं हूँ लेकिन जो इन महाशय ने पत्रा संसार में कर रखा है वह दिख रहा है बाकी यदि आप इनके अड़ोस पड़ोस के हों या पुराने परिचित हों तो जरूर आप बताएंगे कि ये क्या हैं
जय जय भड़ास
इस *** हुसैन का नाम देख कर मजा आ गया,
जय जय भड़ास
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