पीसा की मीनार के टेढ़े होने से लेकर मुरबाड़ बांध टूटने के लिये परप्रांतीय जिम्मेदार हैं : राज ठाकरे
रविवार, 1 अगस्त 2010
राज ठाकरे नहीं खाज ठाकरे कहना बेहतर होगा
अभी हाल ही में तनसे मनसे धनसे महाराष्ट्र को चूसने की नियत रखने वाले ठाकरे परिवार से उपजे जोंक स्वरूप राज ठाकरे ने एक बयान दिया है कि मुंबई में मलेरिया के फैलने की वजह बाहर(यू.पी. और बिहार) से आए लोग हैं। वैसे अगर इसको रगेदा जाएगा तो ये थूक कर चाट लेने, मूत कर पी लेने और छिछ्छी करके खा लेने वाली फितरत के लोग हैं बाद में बोलने लगेगा कि मैं ने तो कहा था कि बाहर से आए लोग झोपड़पट्टी बनाते हैं और गंदगी फैलाते हैं जिससे मलेरिया होता है। अब कोई इस चूतियम सल्फ़ेट को क्यों नहीं कहता कि जब बाहर से आया कोई बिहारी या यू.पी. वाला बंदा झोपड़ा बना रहा होता है तब तू और तेरे पिल्ले क्या कर रहे होते हैं? क्यों नहीं संबंधित वार्ड आफ़िसर जो साला रोजाना की रिपोर्ट अपनी डेली डायरी में लिखता है कि क्षेत्र में कोई गैरकानूनी निर्माण नहीं है उसे कूटते?? सच तो यह है कि महाराष्ट्र में भी वैसी ही चूतिया जनता का बाहुल्य है जैसे कि बाकी देश में है जो अपने शोषकों को ही अपना नेता समझती है। कल को अगर ये कहे कि पीसा की मीनार भी भइया लोगों के कारण तिरछी है और मुंबई के बगल में मुरबाड़ बांध टूटने से जो पच्चीसों गांव प्रभावित हुए हैं वो भी भइया लोगों के कारण ही है क्योंकि भइया लोग मुंबई आते हैं और हगने के बाद सीधे बांध में जाकर छेद करके पानी भरके पिछवाड़ा धोते हैं इसलिये बांध टूट गया। जब तक लोग इन दुष्टों की बात को सुन कर वाह वाह करते रहेंगे ये ऐसे ही खून चूसते रहेंगे, प्रतिकार करो वरना ऐसे ही पिसते रहोगे सब।जय जय भड़ास
2 टिप्पणियाँ:
आप झिंझोडते रहिये
कभी ना कभी तो नींद टूटेगी जनता की
प्रणाम
बहुत खूब गुरुदेव,
वैसे इस टेढ़े चाचा भतीजे के ठेधे होने का कारण भी कुछ मिलता जुलता ही है, एक दम सालिड भड़ास.
जय जय भड़ास
एक टिप्पणी भेजें