चलिये एक एक करके ये मुद्दे चबाइये इसी को तो ब्लागिंग कहते हैं न?
गुरुवार, 5 अगस्त 2010
पहला मुद्दा है मंहगाई का जिस पर सरकार और असरकार आपस में मिल कर आम जनता को मूर्ख बनाने का दशकों पुराना नाटक खेल रहे हैं।
दूसरा मुद्दा थोड़ा सा पुराना है जिसे पहले नक्सलवाद और आजकल माओवाद कहते हैं।
तीसरा मुद्दा मुद्दा और अधिक पुराना है जो कि काश्मीर का है कि वहां पुलिस और जन सामान्य में मारकाट क्यों हो रही है?
मुंबई में मलेरिया फैल रहा है इसके लिये गंदगी जिम्मेदार है या मुंबई में आए बाहरी लोग?
महाराष्ट्र सरकार ने वाहनों पर ग्रीन टैक्स लगा दिया है अब आप पैदल चलेंगे या फिर भी वाहन खरीदने का इरादा रखते हैं?
भाई इतने सारे मुद्दे हैं इनको निचोड़ा जाए तो बरसों बरस तक बिना हगे मूते लिखा जा सकता है, बहुत से तो क ख ग घ लिखना जानने वाले साक्षर भी इन्हीं मुद्दें की च्युंगगम चबा कर लेखक कहलाने लगे हैं तो ससुरे भड़ासी ब्लागर तक नहीं बन सकते?
जय जय भड़ास
3 टिप्पणियाँ:
भाई कामनवेल्थ भूल गया था चाहें तो इसे भी चबा चूस लीजिये आजकल सभी तो इसी को चूस चाट रहे हैं
जय जय भड़ास
जय गुरुदेव,
सही कहा आपने वैसे जाहिलों की फ़ौज ने वी एन राय पर सबसे ज्यादा लिखा है, और अभी भी कुचली वाले कुत्ते की तरह खुजा रहे हैं इसे भी जोड़ दीजिये.
जय जय भड़ास
SAHI BAT HAI. JAN SAROKAR KAM HOTA JA RAHA HAI. SANSANI KE PICHHE MEDIA BHAG RAHI HAI..
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