माताजी का दूध पीजिये खून नहीं.....
गुरुवार, 26 अगस्त 2010
खनिजों को धरती माता के गर्भ से खोद खोद कर निकाल कर चांदी काटने वाली माइनिंग कंपनी वेदांता ने उड़ीसा आदि जगहों पर जो करा है वह सब जानते हैं। जमीन को पूजने वाले लोग जो भले ही पर्यावरण जैसे कठिन शब्द तक से परिचित नहीं है लेकिन जानते हैं कि मां का दूध पीना मां के स्वास्थ्य के लिये भी सही रहता है और बच्चों के लिये भी लेकिन यदि छाती में दांत गड़ा कर खून चूसना शुरू कर दिया जाए तो वो बच्चे मां की जान ले लेते हैं। यदि ये छोटी सी बात सबकी समझ में आ जाए कि धरती पर मौजूद मिट्टी,पानी,पशु-पक्षी आदि सब धरती मां के अंग हैं जिनका दोहन सिर्फ़ स्तनपान की हद तक ही सही है वरना जो भुगता है इंसानों ने वह सिर्फ़ नाम में ही सुंदर हैं चाहे वह कैटरीना हो या लैला दोनो तूफ़ान बन जाते हैं। प्रकृति को वेदांता जैसे खून पीने वाले बच्चों से बचाना होगा।
जय जय भड़ास
1 टिप्पणियाँ:
इसके मालिको को क्या मतलब की भारत का पर्यावरण और लोग बर्बाद हों? वे तो यूरोप और अमेरिका में ऐश से बैठे हैं. गोरों ने यहाँ वेदांत जैसे ठेठ धार्मिक नाम के साथ कम्पनी खोल ली, जिससे इसके भारतीय होने का आभास हो. बाकि ये आए हैं केवल पैसा कमाने, जितना लूट सकें लूटकर चले जायेंगे. भुगतना हमें है. जब ये अफ्रीका और दक्षिण और मध्य अमेरिका को उजाड़ रहे थे तब हम कुछ नहीं बोले, आज हम खुद उजड़ रहे हैं तब भी न हम कुछ बोल रहे हैं न कोई हमारे लिए बोल रहा है. न हमें उजड़ने की परवाह है न किसी और को है. बस नींद में गाफिल हैं, मस्त हैं मस्ती में सभी फ़िलहाल तो. आगे की आगे देखेंगे.
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