खल अधमाई न तजै.... श्याम जगोता को सचमुच बीमार दिमाग और कुंठित है
शुक्रवार, 3 सितंबर 2010
कार्टूनिस्ट श्याम जगोता को उनके द्वारा प्रमाद वश करी गलती पर ध्यान दिलाने के बावजूद वे तर्क दे रहे हैं कि वे १००% हिंदू हैं। हिंदू हैं इसीलिये हिंदुओं के आराध्य भगवान कृष्ण को कार्टून रूप में चित्रित कर रहे हैं। अपनी प्रसिद्धि और रश्दी से तुलना पर आह्लादित हैं हा हा हा हा करके हँस रहे हैं इसे ढिठाई कहना ही सही होगा। इन जैसे बीमार दिमाग लोग सोचते हैं कि ये प्रसिद्ध हो रहे हैं लेकिन इनकी प्रसिद्धि इन्हें तब समझ आती है जब श्रद्धालुओं का कोप देखने को मिलता है। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की आड़ में बस यही बचा है कि भगवान राम, भगवान कृष्ण या अन्य देवी-देवताओं का विद्रूप चित्रण करा जाए। श्याम जगोता यदि अपनी बात पर अड़े रहते हैं तो मैं अपने इस विचार को हिंदू धर्म व संस्कृति की रक्षा के लिये प्रतिबद्ध "सनातन संस्था" को सूचित करना पड़ेगा तब आप की प्रसिद्धि में चार चाँद लग जाएंगे और तब आप ज्यादा जोर से हँस सकेंगे। कुप्रसिद्धि में इजाफ़ा हो जाएगा जो नहीं जानते हैं वो भी जान जाएंगे ये तो अच्छा टोटका होगा आपके लिये।
बस इतना बताना है मीडिया क्लब के संचालकों को कि इस्लाम के अंतिम संदेष्टा हज़रत मुहम्मद साह्ब का कार्टून छापने पर आलोक तोमर जैसे वरिष्ठ पत्रकार को क्या झेलना पड़ा था यदि संचालक ये सब कुप्रसिद्धि पाने के एवज में ये सब करने पर आमादा हैं तो उनकी इच्छा.........।
जय जय भड़ास
0 टिप्पणियाँ:
एक टिप्पणी भेजें