जिनके पुरोधा ऐसे हैं उनके पीछे चलने वाले क्या होंगे??मीडिया क्लब के कुलदीप श्रीवास्तव की कुटिलता और बदलते बयान

शुक्रवार, 3 सितंबर 2010





कल दोपहर की बात है मैं पनवेल पहुंची और भाईसाहब घर पर थे तो मुनव्वर आपा के घर जाकर अब्बा से मिलकर सीधे भाई के पास गई। मैं भाई के लिये चाय बना रही थी तभी एक फोन आया तो आदतन भाई ने मोबाइल का स्पीकर ऑन कर दिया और बतियाने लगे उन्हें आदत है कि वे स्पीकर चालू रख कर ही बात करते हैं। कुलदीप श्रीवास्तव जो कि मीडिया क्लब के पुरोधा हैं अपना नाम बताते हुए बड़े मीठे अंदाज में शुरू हुए कि बस यूँ ही फोन कर लिया वगैरह-वगैरह.... इसके बाद जल्द ही मुद्दे पर आ गये कि श्याम जगोता जी को क्यों दुःखी कर रहे हैं वो बेचारे बड़े ही सज्जन और भोले आदमी हैं कम पैसे में गुजारा करते हैं जबकि कार्टूनिस्ट बाल ठाकरे ने तो अरबों रुपया बना लिया ..... आदि आदि इत्यादि और इस बीच में कुलदीप ने एक और मुखौटाधारी की वकालत करते हुए भाई से कहा कि आप क्यों राकेश गुप्ता के पीछे पड़े हैं।
मुझे लगा कि भाई डॉ.साहब का चचेरा भाई कुलदीप श्रीवास्तव है जो कि रेलवे में हैड टी.टी.ई. है और यू.पी. में शायद बांदा में पोस्टेड है। मैं अब तक इसी भ्रम में थी लेकिन सोच रही थी कि अखिर कुलदीप भइया जैसे मलंग आदमी को इन बातों से कब से दिलचस्पी होने लगी। हिम्मत करके चाय देते हुए भाईसाहब से पूछा तो उन्होंने पूरी कहानी बिना लागलपेट के बता दी। अब समझ आया कि ये महाशय कुलदीप श्रीवास्तव कोई दूसरे हैं क्योंकि मैं पिछले कुछ समय से अपने बायोलॉजिकल माता-पिता के अस्वस्थ होने के कारण गाँव गयी थी और इंटरनेट से दूर थी। मैंने भाईसाहब के मरीज़ों में व्यस्त होने के बाद सारे मामले को खंगाला तो पाया कि मीडिया क्लब नाम से एक और दुकान शुरू हुई है जो कि मुखौटाधारियों की जमात इकट्ठा करके बैठ गयी है।
एक तरफ़ कुलदीप श्रीवास्तव इस तरह की मीठी बातें कर रहा है दूसरी तरफ लिख रहा है कि भड़ासी श्याम जगोता को धमकी दे रहे हैं। कुलदीप की पत्रकारिता का स्तर तो अब मैं आप सब वैश्विक बंधुओं के सामने रख रही हूँ जिसमें आप देख सकते हैं कि ये आदमी कितना बड़ा कुटिल और मक्कार है जो अपने बयानों को किस तरह बदल लेता है। श्याम जगोता ने जो करा वो उनकी बुद्धि और समझ है उन्होंने अपने हिसाब से जो अभिव्यक्ति करी उन्हें न्यायोचित लगती है इस पर कोई परेशानी नहीं है लेकिन जो कुलदीप ने एक पत्रकार होने के नाते करा वह बता रहा है कि मीडिया क्लब की लगाम किस तरह के लोगों के हाथ में है। दीपा बिस्वास नाम से एक बच्ची के फोटो को लगा कर जो आई.डी. बनाया गया है वह साफ़ साफ़ पता चलता है कि फ़र्जी है यदि नहीं है तो इसी मंच पर दीपा बिस्वास अपने होने का प्रमाण दें। इंटरनेट पर इस तरह के छद्मचरों की भीड़ है जो लड़कियों के नाम और तस्वीर से फ़र्जी आई.डी. बना कर जुटे रहते हैं। जब मैं पहली बार ढर्राछाप ब्लॉगरों के सामने भाईसाहब की कृपा से आयी तो मेरे अस्तित्त्व पर भी प्रश्नचिन्ह लगा दिया था कि मैं हूँ ही नहीं बल्कि ये एक फ़र्जी आई.डी. है और इसमें मनीषा पाण्डेय नामकी एक पत्रकार(?) ने तो भाईसाहब पर उसे बदनाम करने के आरोप में मुकदमा करने तक की धमकी दी थी लेकिन मनीषा पाण्डेय जैसे लोगों ने सिखाया कि कैसे नकली आई.डी.बनाकर लोग कुप्रयोग करते हैं। मनीषा पाण्डेय की गलतफ़हमी दूर हो गयी लेकिन अब मुझे भी सन्देह करना आ गया है दीपा बिस्वास अपने आप का होना सिद्ध करें। कुलदीप जी अपने बदलते बयानों के लिये पत्रकारिता को लज्जित करना बंद करिये वरना जिधर हो उधर ही रेंगते रह जाओगे और आप श्याम जगोता और राकेश गुप्ता की तारीफ़ करना और ये दोनो आपकी तारीफ़ करेंगे यानि कि तू मेरी सहला मैं तेरी सहलाऊं। हमारी भाषा तो असभ्यों की भाषा है सभ्य तो आप लोग हैं सभाएं आप लोगों की हैं क्योंकि आप जैसे मुखौटाधारियों ने हमें हाशिये पर ठेल रखा है लेकिन हम भड़ासी अपनी बात को अपनी टूटी-फूटी गन्दी ही सही लेकिन अपनी भाषा में दुनिया के सामने रखते चलेंगे।
जय जय भड़ास

1 टिप्पणियाँ:

मुनेन्द्र सोनी ने कहा…

मनीषा दी कुलदीप बाबू ने जो करा उसमें उनका दोष नहीं है ये अपरिपक्वता के कारण करा है। हमारी भड़ासी भाषा में इसे हगने के बाद करी गयी लीपापोती ही कहेंगे इससे अधिक कुछ नहीं। कुलदीप बाबू शायद इसी को पत्रकारिता मानते हैं अब तक। इन्हें पत्रकारिता के घटक निष्पक्षता और तटस्थता समझने में अभी काफ़ी समय लगेगा ऐसा लग रहा है क्योंकि अभी तो ये श्याम जगोता और राकेश गुप्ता जैसे लोगों की वकालत ही कर रहे हैं।
जय जय भड़ास

प्रकाशित सभी सामग्री के विषय में किसी भी कार्यवाही हेतु संचालक का सीधा उत्तरदायित्त्व नही है अपितु लेखक उत्तरदायी है। आलेख की विषयवस्तु से संचालक की सहमति/सम्मति अनिवार्य नहीं है। कोई भी अश्लील, अनैतिक, असामाजिक,राष्ट्रविरोधी तथा असंवैधानिक सामग्री यदि प्रकाशित करी जाती है तो वह प्रकाशन के 24 घंटे के भीतर हटा दी जाएगी व लेखक सदस्यता समाप्त कर दी जाएगी। यदि आगंतुक कोई आपत्तिजनक सामग्री पाते हैं तो तत्काल संचालक को सूचित करें - rajneesh.newmedia@gmail.com अथवा आप हमें ऊपर दिए गये ब्लॉग के पते bharhaas.bhadas@blogger.com पर भी ई-मेल कर सकते हैं।
eXTReMe Tracker

  © भड़ास भड़ासीजन के द्वारा जय जय भड़ास२००८

Back to TOP