पोस्ट ऑफिस में चूहे आपका रजिस्टर्ड पार्सल काट दें तो ये आपकी जिम्मेदारी है कि आपने भारतीय डाक पर भरोसा क्यों करा।

गुरुवार, 14 अक्तूबर 2010

सबसे बड़ी बात ये है कि आप इंसान क्यों हैं, इंसान हैं भी तो क्या खुजली थी कि आज़ाद भारत में पैदा हुए। अब इतनी बड़ी गलती है तो आपको भुगतान तो करना ही होगा। आप यदि मूर्ख हैं तो भारत सरकार द्वारा करी व्यवस्थाओं पर यकीन करते हैं जैसे सरकारी बस से लेकर सरकारी विमान में यात्रा करना, प्राइवेट कुरियर सर्विस छोड़ कर भारतीय डाक सेवा पर आँख बंद कर यकीन करना। सरकारी कर्मचारी/अधिकारी कतई जिम्मेदार नहीं होते क्योंकि वो आपको निमंत्रण पत्र देकर तो बुलाते नहीं हैं कि आओ मरो सरकारी विभागों में।
बात है हमारी नई मुंबई की जान पनवेल उपनगर की जिधर से मैंने अपने भोपाल(मध्य प्रदेश) में रहने वाले एक मरीज को दवाएं भेजने के लिये भारतीय डाक से रजिस्टर्ड पार्सल भेजा, पूरी ईमानदारी से बावन रुपए के टिकट लगाए जिसपर देश के तमाम नेताओं की तस्वीरें छपी थीं। बेफिक्र हो गये एक महामूर्ख भारतीय की तरह कि अब तो मामला सरकार के हाथ में है बेड़ा पार हो ही जाएगा। दो दिन के बाद पोस्ट ऑफ़िस से डाकिया बहन आती हैं और बताती हैं कि डॉ.साहब आपने जो पार्सल भेजा था वह लीक कर रहा है उसे आकर ले जाइये और दोबारा पैक करके दीजिये। मैं हड़बड़ा गया कि आजतक तो ऐसा हुआ नहीं लेकिन मैं ठहरा बेवकूफ़ जो सोचता हूँ कि जो आजतक नहीं हुआ वह अब भी न होगा। जाकर पार्सल देखा तो उसे महाराष्ट्र के राज्यदेवता विघ्नहर्ता गणपति के वाहन मूषक देव चूहा जी महाराज ने मस्त आराम से अपने पैने दाँतों की धार आजमाने के लिये कुतर-कुतर कर मजे लिये थे। संबंधित कर्मचारी इसके लिये चूहे, गणपति, आपकी आस्था को जिम्मेदार मानते हैं साथ ही वे मानते हैं कि आप भी जिम्मेदार हैं जो पोस्ट ऑफ़िस से कोई चीज भेजना चाहते हैं। यदि भेजना है तो सीधे भगवान तक सामान भेज कर पुण्य कमाओ ये क्या मूर्खों की तरह मरीजों को दवाएं भेजते हैं। पोस्ट मास्टर महोदय तो फोन पर उपलब्ध होते ही नहीं है कि उनसे बात करी जाए, सुप्रिटेन्डेंड महोदया से बात करा तो उन्होनें शिकायत करने का सरकारी तरीका बता दिया कि आप पोस्ट ऑफ़िस आकर बात करिये आदि आदि....।
बेशर्मी की सारी सीमाएं पार नहीं हुई हैं अभी भी आस है कि गणपति उत्सव समाप्त हो और पोस्टमास्टर अपनी श्रद्धा से निकल कर आम जनता की बात सुनेगा जिसके कारण उसे पगार मिल कर बच्चे पल रहे हैं। नई मुंबई के सुपरिटेन्डेंट ऑफ़ पोस्ट से बात करा तो उन्होंने बड़े
पनवेल पोस्ट ऑफ़िस का फोन नंबर है - 022- 27469214(इस नंबर को कमीना पोस्टमास्टर उठाता नहीं है) ,27463395(ये नंबर लगता नहीं है), 27467959(इस नंबर पर एक आलसी सा आदमी आपको बड़ी ही बेशर्मी से कहता है फोन मत करिये लिखित शिकायत करिये जिसकी हम जाँच करा कर आपको जिम्मेदार कर्मचारी से बावन रुपए लेकर आपको वापिस दे देंगे)
इस पूरे मामले से समझ में आ गया है कि ये वो ही सरकारी लोग हैं जो प्राइवेट कुरियर कंपनियों से पोस्टल सर्विसेज़ को डुबा देने का पैसा लेते हैं। नीच बोलता है कि महीनों की जाँच के बाद आपको बावन रुपए मिल जाएंगे किसने कहा था आपको जरूरी वस्तु पोस्ट से भेजने के लिये??
आप चाहें तो इनकी बेशर्मी का आंकलन कर सकते हैं।
जय जय भड़ास

0 टिप्पणियाँ:

प्रकाशित सभी सामग्री के विषय में किसी भी कार्यवाही हेतु संचालक का सीधा उत्तरदायित्त्व नही है अपितु लेखक उत्तरदायी है। आलेख की विषयवस्तु से संचालक की सहमति/सम्मति अनिवार्य नहीं है। कोई भी अश्लील, अनैतिक, असामाजिक,राष्ट्रविरोधी तथा असंवैधानिक सामग्री यदि प्रकाशित करी जाती है तो वह प्रकाशन के 24 घंटे के भीतर हटा दी जाएगी व लेखक सदस्यता समाप्त कर दी जाएगी। यदि आगंतुक कोई आपत्तिजनक सामग्री पाते हैं तो तत्काल संचालक को सूचित करें - rajneesh.newmedia@gmail.com अथवा आप हमें ऊपर दिए गये ब्लॉग के पते bharhaas.bhadas@blogger.com पर भी ई-मेल कर सकते हैं।
eXTReMe Tracker

  © भड़ास भड़ासीजन के द्वारा जय जय भड़ास२००८

Back to TOP