नवरात्रे
शनिवार, 9 अक्टूबर 2010
लाल रंग की चुनरी से सजा माँ का दरबार,
हर्षित हुआ मन ,
पुलकित हुआ संसार ,
नन्हे कदमो से माँ आये आप के द्वार ,
शुभ हो आपको नवरात्रों का त्यौहार
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© भड़ास भड़ासीजन के द्वारा जय जय भड़ास२००८
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5 टिप्पणियाँ:
पादरी तूने क्या चखा है यह तेरे उत्तर से स्पष्ट हो जायेगा. तेरे पे ज्ञान की आत्मा उतरती हो तो दे इसका जवाब.
९९- जो अद्वैत सत्य ईश्वर है.- यो० प० १७, आ० ३
( समीक्षक ) जब अद्वैत एक ईश्वर है तो ईसाईयों का तीन कहना सर्वथा मिथ्या है . ॥ ९९ ॥
इसी प्रकार बहुत ठिकाने इंजील में अन्यथा बातें भरी हैं. सत्यार्थ प्रकाश पृष्ट ४१४, १३वां समुल्लास
परम विचार - यह देखो ऋषि का चमत्कार. इसे कहते हैं गागर में सागर. यह थोड़े से शब्द तेरी पूरी पोस्ट पे भारी हैं.
परम आर्य नाम से लिखने वाले फ़र्जी प्रोफ़ाइल के स्वामी जो कि वैदिक तोप नाम का एक ऐसा ब्लॉग बनाए बैठा है जिसमें सिर्फ़ और सिर्फ़ ऐसी बाते हैं कि किस तरह हिंदुओं को भ्रम की स्थिति में लाया जा सके। ये धूर्त बात वेद की करता है फिर इसे शिव पार्वती किधर से दिखने लगते हैं?
हे परम नीच कमीने गलीज़ कीड़े यदि तुममें साहस है तो तुम अपनी असल औकात के साथ सामने आओ ताकि हम तुम्हें इस्लाम,ईसाइयत,हिंदुत्व आदि सब बता सकें। दुरात्मा तू कह रहा है कि थोड़े से शब्द पूरी पोस्ट पर भारी हैं ये तेरा टोटका है ताकि लोग तेरे प्रोफ़ाइल से होकर ब्लॉग पर जाएं लेकिन हम तेरे सारे फ़र्जी नामों को जानते हैं। तुझे सत्यार्थ प्रकाश और इंजील दोनो सिखानी है।
जय जय भड़ास
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शुभ नवरात्री !
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The words are nice,awesome..
अरे ये राक्षस जैन अपने नंगे तीर्थंकरों को छोड़ कर कब से हिंदू देवी-देवताओं की उपासना करने लगे??? अरे दुष्टों सुधर जाओ वरना दैवीय शक्तियाँ तुम्हारा संहार करने में देर न करेंगी वैसे अब तुम पहचान लिये गए हो जल्द ही मरोगे
जय नकलंक देव
जय जय भड़ास
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