जनगणना में रणधीर सिंह सुमन जैसे लाखों कम्युनिस्टों ने क्या धर्म लिखवाया है???
शनिवार, 5 फ़रवरी 2011
आप सबको ऐसा क्यों लगता है कि रणधीर सिंह सुमन से कम्युनिज्म पर, गुफ़रान सिद्दिकी से इस्लाम पर और जैनों से उनकी इंसान या राक्षस होने के बारे में सवाल करने का हक़ सिर्फ़ संजय कटारनवरे या अनूप मंडल को ही है। अरे भड़ासी भाईयों बहनों मेरे मन में तो ये सवाल अनूप मंडल की लेखनी के प्रभाव से उपजा है कि देश में जनगणना के फ़ार्म में धर्म का भी कालम है जिसमें कि हिंदू, मुस्लिम,सिख,ईसाई और जैन धर्मों के लिये अंक दिये हैं बाकी यदि आप बौद्ध, पारसी आदि हैं तो आप धर्म का नाम लिखवाइये। अब सवाल ये उठता है कि कम्युनिस्ट चाहे वे मार्क्सवादी हों लेनिनवादी हों या फिर माओवादी क्या इस जनगणना का बहिष्कार करेंगे या फ़ार्म पर अपना धर्म "इंसानियत" लिखवाएंगे(जो कि उनमें दिखावे भर की भी शेष नहीं रह गयी है बस मजदूरों के हक़ की बात करके खुद ही सारा खून चूस लेते हैं)
देश के सारे कम्युनिस्टों और उनकी पार्टियों से ये सवाल है, हम जानते हैं कि जो मुंहचोर हैं वे इस सवाल पर भी चुप्पी साध कर अपनी अपनी अम्मा से बाप का धर्म पूछने का बहाना करके भाग जाएंगे।
जय जय भड़ास
1 टिप्पणियाँ:
सवाल बड़ा है लेकिन सन्नाटा है......
जय जय भड़ास
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