तंत्र मंतर -3
सोमवार, 21 मार्च 2011
संजय जी धार्मिक मंत्रो की तुलना काले जादू से कर के जादू ,कर्मकांड, हाथ की सफाई को मान्यता दिलाने की कोशिश कर रहे है ,
ये बात क्यों की डॉ साहब की माता जी से जुडी है ,इस कारन उन का विश्वाश करना जायज बनता है पर इस बात में भी एक विरोधाभाष है जिस पर शायद किसी का ध्यान नहीं गया एक तरफ सभी कह रहे है की डॉ साहब अंध विश्वाश निर्मूलन में काम करते थे और सेकडो ट्रिक जानते है ,और दूसरी तरफ किसी ने जरा हाथ की सफाई क्या दिखाई और खुद अंध विश्वाश करने लगे
,और हमारे संजय जी कह रहे है की सब उस तांत्रिक को झूठा सिद्ध करने में लग गए है जिसने माता जी के उपर किया मरण कर्म हटाया ,गोया की वो तांत्रिक न हो कोई महा पुरुष है , आप बात कर रहे हो विडियो की और ४-५ गवाहों की , अरे भाई किसी भी विडियो में सिर्फ वो चीज ही दिखाई दे सकती है जो वो कलाकार दिखा रहा है , क्या विडियो में जो तकनीक वो इस्तमाल कर रहा है वो भी दिखाई दे सकती है ?
आप नीबू के रससे किसी कागज पर किसी का नाम लिख कर उसे सुखा ले ,फिर किसी परेशान के सामने कहे के मै तुम्हारे दुश्मन को नाम बताता हू और उसे वो कागज दो और साधारण कागज के साथ रखने को कह दे ,३ दिन बाद उसे वो कागज निकलने को कहे , उस पर कुछ पाखण्ड करे ,और फिर दुश्मन को जलाने के नाम पर उस कागज को मोमबती से गरम कर दे , उस पर नाम उभर आएगा ,
लो जी दुश्मन का नाम आ गया
अब इस की विडियो बनाओ ,तो उस में क्या दिखाई देगा ?
क्या उस में पहले से की गई कोई कलाकारी (नीबू के रस से लिखना )दिखाई देगी ? इस बारे में संजय जी आप का क्या कहना है ?
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