मन बहुत दुखी हुआ
शनिवार, 5 मार्च 2011
कुछ मनचले भोपाल मैं लगी राजा भोज की प्रतिमा ओर उनके इतिहास को स्वीकारने से परहेज करते हैं यही वजह है की उन्होंने प्रतिमा के इतिहास की जानकारी देने वाली पट्टिका पर पान गुटखे की थूक से अपनी गन्दी मानसिकता का परिचय दिया है। प्रशासन प्रतिमा लगा कर इतिश्री कर चूका पर प्रतिमा की सुरक्षा ओर रख रखाव का क्या अब यह प्रतिमा हमारे शहर की अस्मिता से जुडी है ओर इसका यूँ अपमान असहनीय है। प्रशासन प्रतिमा इसकी सुरक्षा के लिए कानून बनाये ओर पकडे जाने पर दोषियों पर कार्यवाही करे।
मेरा मन यह देख दुखी हुआ ओर मोबाइल से मैंने यह तस्वीर ली।
शिवेश श्रीवास्तव
मेरा मन यह देख दुखी हुआ ओर मोबाइल से मैंने यह तस्वीर ली।
शिवेश श्रीवास्तव
2 टिप्पणियाँ:
शिवेश भाई मोबाइल से तस्वीर लेने के बाद से पोस्ट प्रकाशित करने तक के बाद अब तक वो पान की पीक उसी जगह है या किसी आप जैसे दर्दमंद ने दो रुपये के साबुन से उसे साफ़ करने की ज़हमत भी उठायी?यदि अब तक ऐसा ही पड़ा हो तो आप ही साफ़ कर लें प्रशासन तो झाड़ूपोंछा लेकर आने में पचास या सौ साल लगा देगा।
जय जय भड़ास
निश्चय ही दुखद प्रकरण ।
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