अमित, अनूप मंडल का वैचारिक दीवालियापन सिर्फ़ इतना है
मंगलवार, 19 अप्रैल 2011
अमित, अनूप मंडल का वैचारिक दीवालियापन तुम्हारी नज़र में सिर्फ़ इतना है कि ये लोग अपने शोध के आधार पर जैनों को राक्षस बताते है और धरती पर होने वाली तमाम गड़बड़ियों के लिये जैनों को जिम्मेदार मानते हैं। आप जिन्हें अपने कुटिलता के चलते ऐसा जता रहे हैं कि आप उन लोगों को उनके जैसा उत्तर दे रहे हैं तो ये पता चल रहा है जब कि आपका लिखा हुआ देखते हैं सैकड़ों गलतियां तो आपके लेखन में वर्तनी की ही रहती हैं। आपकी वीडियो बना कर भेजी गयी पोस्ट में आपने भारी गलती करी है। आपको वीडियो और दूसरी इमेज फ़ाइल्स में अंतर नहीं पता है ये बात नहीं लेकिन आप सबको भ्रमित करने और अपने साथ प्रवीण शाह को जोड़ कर जो माहौल पैदा कर रहे हैं अनूप मंडल के लोगों ने कभी ऐसा नहीं करा। उनके तर्क व तथ्य अकाट्य रहते हैं। उनके ग्रन्थ जगत हितकारिणी पर मैं इसलिये कुछ नहीं बोलता क्योंकि यदि उस किताब पर बोलूं तो रामचरित मानस से लेकर आपके ग्रन्थों तक पर टीका करना पड़ेगा जैसे एक बार मैंने गुफ़रान सिद्दिकी को प्रत्युत्तर देने के चलते कुरान शरीफ़ पर टीका करी थी उसके बाद से जनाब भड़ास के मंच से गायब हो गए अब आप सोचिए कि रणधीर सिंह सुमन और गुफ़रान सिद्दिकी को दर्पण दिखाया तो अपना अक्स देख कर खुद ही घबरा कर भाग गए तो आपका क्या होगा? मेरे लिये कभी भी किसी की आस्था प्रश्न उठाने का विषय नहीं रही है ये ध्यान रखियेगा। मैंने सिर्फ़ आप की गलतियां दिखाई हैं। यदि जरा भी सच्चाई है तो आप खुद अपनी गलतियों को साहसपूर्वक सामने लाइये वरना मैं लाउंगा फिर आप को जो साँप सूंघेगा उसे कौन पकड़ेगा??
जय जय भड़ास
संजय कटारनवरे
मुंबई
1 टिप्पणियाँ:
ह्याला थांबविता थांबविता झाली पळवा पळवी...
गेली म्हशी पाणीत बुडायला, उंदरोबा ने नागोबा ला चांगला उत्तर दिला ;)
जय जय भड़ास
एक टिप्पणी भेजें