प्रवीण शाह को मैं उत्तर देना चाहती हूं

बुधवार, 4 मई 2011

प्रवीण शाह लिखते हैं कि
दोस्तों जो अभी पुट्टापर्थी के सत्य साईं बाबा दिवंगत हुऐ हैं उनके भी तमाम वीडियो ऐसे हैं जिनको कितने ही फ्रेमों में तोड़ कर एन्लार्ज कर दो तब भी नहीं पता चलेगा कि सोने की चेन आई कहाँ से... तो क्या यह मान लिया जाये कि वो हवा से चेन बना लेते थे ?

सीधी सी बात है उस तांत्रिक ने किसी ट्रिक से पपीतों के अंदर माल डाल दिया और मौके पर मौजूद पाँच छह भड़ासी ट्रिक नहीं ताड़ पाये... हो जाता है ऐसा कभी-कभी... स्टेज पर हाथ की सफाई करने वाले जादूगरों की ट्रिक भी तो हजारों दर्शकों में कोई ताड़ नहीं पाता, उनके लाईव वीडियो को भी बार बार देखो तो भी ट्रिक नहीं पकड़ में आती... फिर यह बार बार 'हमारे डॉ० साहब को कोई मूर्ख नहीं बना सकता' जैसा राग क्यों अलाप रहे हैं सारे भड़ासीजन...
कितने भ्रम में हैं प्रवीण बाबू या भ्रम फैलाना चाहते हैं झबरीले सांई बाबा के पच्चीसों वीडियो मौजूद है जिनमें उसकी ट्रिक को साफ़ साफ़ कैमरे ने पकड़ा है उसे स्टिल फ्रेम्स में तोड़ने की जरूरत नहीं है लेकिन यदि तोड़ लोगे तो मोतियाबिन्द का मरीज़ भी साफ़ देख लेगा। जरा यू-ट्यूब पर पधारिये और satya saibaba exposed टाइप करके देख लो आपका भ्रम दूर हो जाएगा।
मेरी जान .... हो जाता है ऐसा कभी कभी .... ये तुम कह सकते हो और इसी सोच के साथ पूरा जीवन बिता सकते हो लेकिन जब कभी जीवन में मुंबई आना हो तो एक बार मिलना जरूर तुम हमारे भाई से तब तुम्हें समझ में आ जाएगा कि सारे भड़ासी एक ही राग क्यों अलाप रहे हैं। तुम भूल जाते हो या जबरन भुला देना चाहते हो कि वे खुद अंधश्रद्धा निर्मूलन के लिये कार्य करते रहे हैं लम्बे समय से, खुद वे क्लोज-अप मैजिक की कई ट्रिक्स कर लेते हैं, उच्च शिक्षित चिकित्सक हैं साथ ही एक आसानी से किसी इस तरह की घटना पर विश्वास नहीं करते तभी तो कैमरा लेकर डटे थे। क्या इन बातों को जान कर भी तुम ये कहना चाहते हो कि वे अंधविश्वासी हैं?? इन लोगों ने अब तक इस प्रकरण में जितना जानने की कोशिश करी है उसमें तुमने क्या करा सिर्फ़ ये कहने कि ये अनर्गल है या अतार्किक है???तुम्हारी शिक्षा कितनी है और क्या तर्क है तुम्हारा इस विषय पर????अमित तो अनूप मंडल से चिढ़ के चलते कुछ भी करते हैं ये हम सब जानते हैं उनकी बातों को कोई भी गहराई से नहीं लेता।
जय जय भड़ास

2 टिप्पणियाँ:

प्रवीण ने कहा…

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प्रिय मनीषा,

आपके इस आलेख में मुख्य रूप से आपने तीन मुद्दे उठाये हैं...

१- आप यह कहती हैं कि मैं अफ्रो-हेयर साईं बाबा के बारे में भ्रम में हूँ/ भ्रम फैला रहा हूँ... मैं क्या सोचता हूँ यह जानने के लिये मेरी यह पोस्ट देखिये... वाकई नेट पर बहुत से ऐसे वीडियो हैं जिनमें ट्रिक दिखती है, पर बहुत से ऐसे भी हैं जिनमें चमत्कार तो दिखता है, ट्रिक नहीं...

आपने मेरी शिक्षा के बारे में जो सवाल किया है उसका मैं उत्तर नहीं देना चाहता क्योंकि फिर बाद में बात डिग्री-मार्कशीट की प्रमाणित कॉपी ब्लॉग पर लगाने तक चली जायेगी, बस इतना जान लीजिये कि ११ साल पहले मैं भारतीय फौज का मेजर था और ताजिंदगी जिंदगी के विद्मालय का विद्मार्थी ही रहूँगा... जब बात चली ही है तो यह भी बता दूँ कि सत्य साईं को साक्षात भगवान व उनकी ट्रिकों को ईश्वरीय चमत्कार मानने वाले ६० लाख भक्तों में अनेकों आपके और मेरे भी प्रिय व आदरणीय डॉ० रूपेश श्रीवास्तव से ज्यादा या बराबर शिक्षित हैं... जब यह सब अति शिक्षित लोग सत्य साईं के सारे चमत्कारों को सत्य मानते हैं तो आपके ही तर्क के मुताबिक किसी को भी उन तथाकथित चमत्कारों की सत्यता पर संदेह नहीं करना चाहिये...

२- आप पूछती हैं कि मेरा क्या तर्क है इस विषय पर... यदि आप मेरे लिखे को ध्यान पूर्वक पढ़ें तो आप पायेंगी कि मेरे तर्कों के उत्तर तो किसी ने दिये नहीं अभी तक, बस बार-बार बात को दूसरी ओर मोड़ने की ही कोशिशें हुई हैं... अब एक बार फिर खुले रूप में अपना तर्क लिखता हूँ...

मेरा मानना है कि...
* अंडा केवल मुर्गी या कोई अन्य पक्षी ही देगा !
* बकरे की कटी टांगे पाने के लिये बकरे का होना व किसी इंसान द्वारा उसकी टांगों का काटना जरूरी है!
* कपड़ा या तो इंसान बुनेगा या मिल में बनेगा!
* चूड़ी काँच फैक्ट्री में ही बनेगी !
* पपीते के अंदर उपरोक्त में कुछ नहीं उग सकता!
* पपीता खुद जाकर इन सब चीजों को अपने अंदर नहीं डाल सकता है!
* किसी भी तंत्र, मंत्र, दैवीय या पैशाचिक शक्ति से यह चीजें बिना कटे पपीते के अंदर नहीं डाली जा सकती !
* यह काम कोई इंसान ही कर सकता है, कैसे किया जायेगा, यही ट्रिक है जिसे वहाँ मौजूद लोग नहीं पकड़ पाये... पर इसका मतलब यह नहीं कि यह प्रसंग सचमुच चमत्कारिक है!

३- डॉ० साहब खुद अंधश्रद्धा निर्मूलन के लिये कार्य करते रहे हैं, किसी अपने को सम्मान देना अच्छी बात है पर अंधश्रद्धा रखना सही नहीं है और यह बात व्यक्तियों के ऊपर अंधश्रद्धा रखने पर भी लागू होती है ।

आशा है आप व अन्य भड़ासीजन मेरे इन तर्कों को समझेंगे...


...



२- क

sanjay ने कहा…

मनीषा दीदी मैं जल्द ही डॉ.साहब के घर जाने वाला हूँ
जय जय भड़ास

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