@ شمس शम्स Shams, वफादारी दिखाने के कई और भी तरीके हैं !
सोमवार, 16 मई 2011
.
.
.
दोस्त न मैं तुम्हें जानता हूँ, न जानना ही चाहता हूँ... न ही आपस में एक दूसरे को अपमानित करते अपशब्दों की होड़ शुरू करने का मेरा इरादा है... यह संवाद मेरे और डॉ० साहब के बीच चल रहा है और हम दोनों ही अपनी बात कहने में सक्षम हैं... तुम बीच में घुस कर क्या करना चाह रहे हो... वफादारी दिखाने के कई और भी तरीके हैं, उन्हें आजमाओ... :)...
डॉ० साहब के कमेंट http://bharhaas.blogspot.com/2011/05/blog-post_4047.html#comment-7910727118315894044 से कम से कम यह तो स्थापित हो ही गया है कि पोस्टें थी व उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया भी दी थी... अब वह पोस्टें कहाँ गई यही मेरा सवाल है... ब्लॉगर ने अभी तक वापस नहीं लगाई या किसी के द्वारा मिटा दीं गई...
...
.
.
दोस्त न मैं तुम्हें जानता हूँ, न जानना ही चाहता हूँ... न ही आपस में एक दूसरे को अपमानित करते अपशब्दों की होड़ शुरू करने का मेरा इरादा है... यह संवाद मेरे और डॉ० साहब के बीच चल रहा है और हम दोनों ही अपनी बात कहने में सक्षम हैं... तुम बीच में घुस कर क्या करना चाह रहे हो... वफादारी दिखाने के कई और भी तरीके हैं, उन्हें आजमाओ... :)...
डॉ० साहब के कमेंट http://bharhaas.blogspot.com/2011/05/blog-post_4047.html#comment-7910727118315894044 से कम से कम यह तो स्थापित हो ही गया है कि पोस्टें थी व उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया भी दी थी... अब वह पोस्टें कहाँ गई यही मेरा सवाल है... ब्लॉगर ने अभी तक वापस नहीं लगाई या किसी के द्वारा मिटा दीं गई...
...
1 टिप्पणियाँ:
प्रवीण शाह आपकी मक्कारी की पोल का ढोल मैंने फाड़ दिया है जरा बजा कर देख लीजिये
जय जय भड़ास
एक टिप्पणी भेजें