अमित जैन भड़ास मानसिक विकृति नहीं बल्कि खुद उपचार है
सोमवार, 11 जुलाई 2011
भड़ास निकलने के बाद दिल-दिमाग हल्का हो जाता है ये जब मैंने खुद एक्सपीरिएंस करा तो भड़ास ज्वाइन करने में जरा भी देर नहीं करी। मैं फैशन इंडस्ट्री से जुड़ी हुई हूँ और रोज़ाना ही देखती हूँ कि कैसे-कैसे मक्कार और फायदा उठाने वाले सामने आते हैं। घर आने पर जी भर कर सबको गालियाँ देती हूँ और ब्रेन हैमरेज, हाई ब्लड प्रेशर, डिप्रेशन जैसी बीमारियों से बच जाती हूँ जबकि पहले मेरा बी.पी. अक्सर हाई हो जाया करता था।
अमित जैन साहब को मैं यदि विकृत मानसिकता की लगती हूँ सिर्फ़ इसलिये कि वो मेरे बारे में गलीज़ बातें करें और मैं विरोध करूं तो बुरी हूँ। जब भी तुम्हारे जैसे लोग सामने आएंगे उन्हें मेरे विरोध का सामना करना पड़ेगा क्योंकि मैं गाली नहीं सह सकती।
जय जय भड़ास
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