आजकल ज़मीनों और कमीनों का ज़माना है.
शनिवार, 23 जुलाई 2011
फ़ोर्ब्सगंज में 90 लाख की ज़मीन के लिए बिहार सरकार ने 4 करोड़ की चहारदीवारी लगवा दी वो भी मुफ़्त में ! और तो और बिहार पुलिस ने हद तो तब कर दी जब इसी ज़मीन की ख़रीद-फ़रोख्त के विरोध करने पर एक मासूम और गर्भवती महिला समेत 4 लोगों गोलिओं से सरेआम भून भी डाला और ये सब होता रहा हमारे बिहार के सुशासन बाबू कहलाने वाले मुख्यमंत्री नितीश कुमार जी की नाक के नीचे. सबसे अफ़सोसनाक तो यह रहा कि इस मसअले पर न तो मानवाधिकार आयोग ने कोई तत्परता दिखाई और न ही महिला संगठनों ने कोई हलचल.... क्यूँ? आगे बताता हूँ कि क्यूँ?
1 टिप्पणियाँ:
ज़मीनों और कमीनों की अच्छी तुकबंदी है
गोलियों से इसलिये भूना होगा क्योंकि भूनने के लिये शायद कोई दूसरा ईंधन उपलब्ध नहीं होगा। जनता जब तक अपने निजी स्वार्थों और मूर्खतावश अपने नेता चुनेगी ऐसा होता रहेगा।
जय जय भड़ास
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