दुनिया देख ले कि अमित जैन का धर्म कथित "जैन धर्म" नहीं बल्कि असल जैन (अ)धर्म है
शुक्रवार, 5 अगस्त 2011
सारी दुनिया में अहिंसा और पर्यूषण पर्व के नाम पर क्षमा की ढकोसले भरी नौटंकी करने वाले नंगों के रचाए कुटिल अधर्म को मानने का दावा करने वाला अमित जैन अब आप सबके सामने जैन (अ)धर्म का असली स्वरूप लाता जा रहा है। वैसे तो भड़ास पर कई जैन आए लेकिन वे काफ़ी अधिक मक्कार निकले जैसे कि महावीर सेमलानी, संजय बेंगाणी और एक नया प्रवीण शाह। ये सभी अमित जैन की अपेक्षा अधिक मक्कार इसलिये सिद्ध हुए कि ये लोग अपने पूर्वजों की परम्परा को सचमुच पुरी धूर्तता से निभाते हुए मुद्दे की बात आने पर चुप्पी साध गए जैसे कि जब कत्लखानों की मालिकियत और माँस निर्यात की बात निकली कि जैन इस व्यापार में क्यों हैं तो महावीर सेमलानी भाग गया; इसी प्रकार जब संथारा जैसी क्रूर और अमानवीय राक्षसी परम्परा का हिमायती संजय बेंगाणी भड़ास पर दिखा तो खुद को रामभक्त बताने का ढोंग करके गुजरात में हिंदू बना हुआ है लेकिन जब इसे उधेड़ना शुरू करा तो जैन ही निकला। प्रवीण शाह की करतूतें तो सभी लगातार देख ही रहे हैं कि किस तरह इस धूर्त ने भड़ास के संचालक आदरणीय डॉ.रूपेश श्रीवास्तव जी पर तमाम आरोप लगा दिये जबकि ये राक्षस सिर्फ़ अमित जैन की वकालत के लिये भड़ास में कूदा था। जब डॉ.साहब ने इससे सीधे ही विचार विमर्श करा तो ये भी अपने बाकी जैनियों की तरह चुप्पी साध गया ये सोचता होगा कि कुछ समय बाद जब लोग भूल जाएंगे तो दोबारा अपने "तर्क" की पिपिहरी बजाने आ जाएगा लेकिन भड़ासी कुछ नहीं भूलते।
5 टिप्पणियाँ:
क्षमा करें लेकिन सहमत नहीं हूँ जब लोग पॉलिटिकली खुद को करेक्ट नहीं जता पाने की स्थिति में होते हैं तो वे चुपचाप खिसक लेते हैं। आप सबने देखा कि संजय कटारनवरे ने डॉ.दिव्या श्रीवास्तव को रॉ(RAW)की महिला अधिकारी द्वारा जज के मुंह पर ब्लाउज उतार कर मार देने की घटना पर विचार विमर्श करना चाहा तो कुछ दिनों बाद दिव्या ने कन्नी काट ली ठीक उसी तरह आप लोग रणधीर सिंह सुमन या गुफ़रान सिद्दीकी के नाम भी भड़ास पर इन्हीं संदर्भों में पढ़ लिया करते हैं। अमित जैन अपने स्वभाव के चलते ऐसा करते हैं इसमें उनके धर्म का कोई योगदान होगा मुझे लगता तो नहीं है।
जय जय भड़ास
आप लोगों ने सही पकड़ा इस मक्कार को। इसकी इसी तरह से लीजिये ताकि इसे इसकी सही जगह पता चलती रहे।
जय जय भड़ास
अजय मोहन मक्कार कोन है ये सब लोग पढ़ रहे है , और जानते भी है , अब तक सम्भोग की बात का कोई जवाब नहीं दिया ,इस मक्कारी को क्या कहेगे , और तुम मेरी क्या लोगे , तुम सब की बखिया उधेडी जा रही है और तुम सब आपस में छुपा रहे हो ,ये सारे पाठक जानते है
@ जब कत्लखानों की मालिकियत और माँस निर्यात की बात निकली कि जैन इस व्यापार में क्यों हैं
अनूप मंडल तुम्हारे अनुसार तो ये भी सच मान लेना होगा की ओसामा बिन लादेन भी एक मुस्लिम था इसलिए हर मुस्लमान आतंकवादी है
यदि ये मान लिया जाए कि ओसामा और ओबामा दोनो आतंकी है इसलिए दुनिया का हर मुस्लिम आतंकी है तो भी क्या क्या जैन कत्लखाना व्यापार के लिये चला सकता है और फिर भी जैन बना रहेगा?
जय जय भड़ास
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