त्रिदिवसीय महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह 06 से
मंगलवार, 6 सितंबर 2011
अभिनेता ओमपुरी, फिरोज अब्बास खान, सीमा कपूर, अनवर जमाल सहित कई फिल्मी हस्तियां करेंगी शिरकत
वर्धा, 05 सितम्बर, 2011; महात्मा गांधी की मुख्य कर्मभूमि वर्धा (महाराष्ट्र) स्थित महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय में पहली बार त्रिदिवसीय (6-8 सितम्बर, 2011) महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह का आयोजन किया जा रहा है। समारोह में ओमपुरी, फिरोज अब्बास खान, सीमा कपूर, अनवर जमाल, अमित राय, संजय झा सहित कई फिल्मी हस्तियां मौजूद रहेंगी। गांधी दर्शन पर आधारित इस फिल्म समारोह में अहिंसा और शांतिपूर्ण सहअस्तित्व को सामने लानेवाली विश्व की चर्चित फिल्मों का प्रदर्शन किया जाएगा।
सुप्रसिद्ध अभिनेता ओमपुरी की फिल्मों का एक विशेष खंड समारोह का मुख्य आकर्षण है। चर्चित फिल्मकार एवं नाट्य निर्देशक फिरोज अब्बास खान 06 सितम्बर (मंगलवार) को विश्वविद्यालय के हबीब तनवीर सभागार में फिल्मोत्सव का उद्घाटन अपराह्न 3 बजे करेंगे। उनकी फिल्म गांधी माई फादर उद्घाटन फिल्म होगी। समापन समारोह के दौरान ओमपुरी मुख्य अतिथ होंगे। इस दौरान विश्वविद्यालय द्वारा उन्हें सम्मानित भी किया जाएगा। ओमपुरी की तीन अंतरराष्ट्रीय फिल्में समारोह में प्रदर्शित की जाएंगी। ये फिल्में हैं- इस्ट इज इस्ट, माई सन द फाइनेटिक और पतंग। ये तीनों फिल्में दुनियाभर के फिल्मोत्सव में काफी चर्चित रही हैं।
अनवर जमाल की स्वराज, अमित राय की रोड टू संगम, संजय झा की स्ट्रिंग, सीमा कपूर की हाट, के अलावा अफगानिस्तान, दक्षिण अफ्रीका, जर्मनी, और चीन आदि कई देशों के फिल्मों के प्रदर्शन का भी प्रस्ताव है। अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के आयोजन के उद्देश्य के बारे में विश्वविद्यालय के कुलपति विभूति नारायण राय ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा महात्मा गांधी के जन्म दिवस को अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में घोषित किये जाने के उपरांत दुनियाभर में गांधी को नए सिरे से समझने की कोशिशें हो रही हैं, यह फिल्मोत्सव इसी कोशिश का एक अंग है।
जानेमाने फिल्म समीक्षक अजीत राय इस फिल्म समारोह के समन्वयक हैं। उनका कहना है कि फिल्म समारोह में प्रदर्शित फिल्मों के निदेशक और अभिनेता दर्शकों से सीधा संवाद करेंगे। उन्होंने कहा कि हर फिल्म के प्रदर्शन के बाद उस फिल्म पर खुली बातचीत रखी गई है। फिल्मोत्सव के सह-संयोजक राकेश मिश्र ने कहा कि यह समारोह अंतरराष्ट्रीय सिनेमा के माध्यम से गांधी दर्शन को समझने की कोशिश है। गौरतलब है कि विवि में नाट्य एवं फिल्म अध्ययन विभाग है जहां देश-विदेश के विद्यार्थी हिंदी माध्यम से नाटक व फिल्मी दुनिया में प्रवेश के लिए शिक्षा ले रहे हैं। विश्वविद्यालय की ओर से यह समारोह संस्कृति विद्यापीठ का अहिंसा एवं शांति अध्ययन विभाग कर रहा है। समारोह के संयोजक एवं संस्कृति विद्यापीठ के अधिष्ठाता प्रो. मनोज कुमार ने कहा कि यह देखना दिलचस्प होगा कि सिनेमा जैसी कला गांधी दर्शन को किस प्रकार से रेखांकित करती है।
-अमित कुमार विश्वास
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