अरे यार सांसदों सिर्फ़ ओमपुरी और किरन बेदी की ही क्यों ले रहे हो??
गुरुवार, 1 सितंबर 2011
सांसद भी कमाल के लोग हैं ओम भाई पुरी और किरन बाई बेदी के खिलाफ़ विशेषाधिकार हनन की बातें कर रहे हैं। अरे यार एक तो तुम सबको देश और देशवासियों की लेने से फ़ुर्सत मिले तो तुम कभी किसी खेत के किनारे मेड़ पर बैठे बीड़ी फूंकते किसानों और बंद हो चुकी मिलों के बेकार मजदूरों के झोपड़ों में बैठे लोगों की भाषा सुनो लेकिन तुम लोग तो इतने भयंकर शहराती(शहरी कहना मुनासिब नहीं जान पड़ता) हो गये हो कि ओमपुरी ने भावावेश में आकर गंवार और नालायक क्या कह दिया तुम सब रिसिया गये। किरन बाई बेदी ने क्या करा सिर्फ़ तुम लोगों को मुखौटाधारी ही तो बताया था। अरे संसद में चुन कर भेजे गए शहरातियों जो गाँव से जुड़ा है उसे गंवार कहलाने में कैसी शर्म?? रही बात नालायकियत की तो कोई विदेशी नहीं बल्कि तुम्हारे ही देश का एक नागरिक हजारों-लाखों लोगों की आवाज़ बन कर कह रहा है। मैं डॉ.रूपेश श्रीवास्तव भी खुल कर इस बात को इस वैश्विक मंच पर कह नहीं बल्कि लिख कर दे रहा हूँ जरा भड़ासियों को भी कुप्रसिद्धि दिला दो.... हमारे लिये भी हम जनता के लिये बने संविधान द्वारा दिये अपने विशेषाधिकार हनन का मामला बनाओ और हमें भी अपने सामने आने का मौका दो। हम देखना चाहते हैं कि तुम्हारी आँखों में शर्म बची है या मर चुकी है? सिर्फ़ हम ही नहीं करोड़ों देशवासी तुम में से अधिकाँश को नालायक कह रहे हैं उन्हें बुलाओ तो जरा... मैं तुम्हें धूर्त और मक्कार भी कह रहा हूँ उखाड़ों क्या उखाड़ते हो?? फाँसी लगवा दो या सड़ा दो पच्चीसों साल जेल में बिना किसी मुकदमें के जैसे हजारों सड़ रहे हैं मंजूर है लेकिन हम तो कहेंगे कि तुममें से अधिकाँश नालायक हो और जनता की बेवकूफ़ी के चलते चुन लिये गए हो।
जय जय भड़ास
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