दीनबंधु ,तेरी मा को ही खुले मे कुत्तों ने चोदा था या तेरी बहन भी उन कुतों का शिकार हुई थी ,जो तेरे जैसा निर्लज ,कमीना ,पिल्ला पैदा हुआ है ,जो जैन धर्म के बारे मे अपने नीच विचार लिख रहा है

मंगलवार, 1 नवंबर 2011


13 टिप्पणियाँ:

डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava) ने कहा…

मैं समझ सकता हूँ कि आप नाराज़ हैं लेकिन याद दिलाना चाहूँगा कि माँ-बहनों को गालियाँ देना भड़ास के दर्शन में नहीं है। आपने क्रोधित होकर जो लिखा है वह बात जैन धर्म और भड़ास दर्शन दोनो के विरुद्ध है। आप दीनबंधु को उत्तर देने में माँ बहन को घसीटेंगे तो मुझे अग्रिम क्षमा करें बचाव में आना होगा। यदि दीनबंधु जैन मुनियों के बारे में अपने विचार रख रहे हैं तो आप उनके मत-सम्प्रदाय से संबंधित लोगों की आलोचना कर सकते हैं। माँ, बहन, बेटी, पत्नी आदि को निशाना बनाना बिलकुल सही नहीं है। तत्काल इस बात के लिये माफ़ी मांगिये आप सदस्यता का दुरुपयोग कर रहे हैं। आपने मेरे बारे में जो भी कड़वा लिखा था वह भी आपको याद होगा और मेरी बेटी के बारे में जो लिखा था वह भी मुझे याद है आप असंतुलित होकर उसी प्रकरण की पुनरावृत्ति कर रहे हैं।
जय जय भड़ास

किलर झपाटा ने कहा…

अच्छा....., मिस्टर झोलाछाप डॉ. रूपेश जी, अब बड़ा बुरा लग रहा है आपको! और जो मेरे ब्लॉग पर आप सब मिलकर करते रहे गाली गलौज इतने दिनों तक उसका क्या ? किसी को भी आप चिढ़ा दो और फिर वो गरियाये तो उसे सभ्यता का पाठ पढ़ाओ। है ना ? वाह वाह क्या कहना! मुझसे कह रहे थे बैलेंस खत्म हो गया। अजी पहले दीनबंधु जी का, अपना और मुन्नू मुनेन्द्र का मानसिक बैलेंस तो सही कर लीजिये तब मेरे बैलेंस की बात कीजिये। हाँ नहीं तो, खुद सोचिये जरा, कि मेरे जैसा सैलिब्रिटी आप जैसे बेसिर पैर के बनावटी डॉक्टरों से टेलीफ़ोन पर बात करेगा? हा हा आपको ऐसी बेवकूफ़ी युक्त बातें करनी ही नहीं चाहिये। लोग हँसी उड़ायेंगे यार आपकी। बी प्रेक्टिकल रुप्पू भाईसाहब। हा हा।

किलर झपाटा ने कहा…

भड़ास की टीम को छठ पूजा की हार्दिक बधाई।

बेनामी ने कहा…

please read this.............

http://welfare4theworld.blogspot.com/2011/11/jagathitkarni.html

मुनव्वर सुल्ताना Munawwar Sultana منور سلطانہ ने कहा…

ये सब क्या है अमित???इसे भड़ास नहीं क्रोध कहते हैं इसके कारण आपकी बुद्धि भ्रष्ट हो गयी है। अपने ही किसी जैन मुनि से पूछ लीजियेगा यदि वह आपके इस व्यवहार को उचित ठहरा दे तो हम भी मान जाएंगे कि आप सही कर रहे हैं। आप माँ-बहन को बीच में लाकर क्या जताना चाहते हैं? आपने जो लिखा है वह बेहद शर्मनाक है भड़ास पर रह कर करना आप इसे अपने निजी ब्लॉग पर लिखिये यदि लिखना ही है। आपके जवाब को दुनिया भर में लोग देखते हैं सोचिये कि जैन धर्म के मानने वालों के व्यवहार के प्रति कैसा संदेश जा रहा है एक आप जैसे दुर्मति के कारण। आपका व्यवहार ही जैन धर्म को शर्मिंदा कर रहा है।
जय जय भड़ास

डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava) ने कहा…

बहन जी, ये तो आप भी जानती हैं कि मैं अपने झोले में क्या क्या रखता हूँ और किस किसको झोले में डाल कर मुंबई में घूमता हूँ। आपके दर्द को मैं समझ रहा हूँ कि परेशानी क्या है ये तो आप भी जानती हैं कि मैं कभी भी इस तरह की भाषा को शुरू नहीं करता हूँ लेकिन यदि कोई इसी भाषा को समझे तो उसे मजबूरन जवाब देना पड़ता है। आपके ब्लॉग पर जाकर मैंने कब आपकी माँ, बहन, बेटी या पत्नी को अभद्र भाषा में कोई टिप्पणी करी हो इस बारे में दोबारा देख लीजिये। आप यमराज का मुखौटा लगाएं या किसी और का कम से कम मैं तो आपको जानता पहचानता हूँ। आप भड़ास पर ध्रुवीकरण से घबराइये मत स्वागत है आपका आप जब चाहें भड़ास की सदस्य बन जाएं ताकि पोस्ट भी लिख सकें मेरे खिलाफ़। आपको पता है कि मेरे झोले में ऐसे दवाएं हैं कि मेरी सेहत पर आपके होने से कोई फ़र्क नहीं पड़ा। आप सही कहती हैं कि आप जैसी सेलेब्रिटी को मुझ जैसे झोलाछाप से बात करने की क्या जरूरत है। ध्यान रखिये मैं आपकी तरह विचार नहीं रखता कि भाई बहन की मर्यादा छोड़ कर बलात्कार जैसी बात करूं। आप हँसती रहें बस यही कामना है। मैं कोई भी परम्परागत पर्व नहीं मनाता मेरे लिये जीवन का हर पल किसी पर्व से कम नहीं है भले ही वह आपकी चोटी खींचने में क्यों न बीते या आप मुझे धक्का दें, आप छ्ठ मनाती हैं तो आपको हार्दिक शुभकामना और साधुवाद कि आप हॉंगकॉंग में रह कर भी अपनी देसी परम्पराओं को निभा रही हैं।
मुनेन्द्र सोनी और दीनबन्धु तो भड़ासी हैं उनका क्या संतुलन या असंतुलन वो तो जैसे हैं वैसे ही रहेंगे लेकिन ये एक भड़ासी की जुबान है कि वो आपकी माँ-बहन आदि को भड़ास पर इस तरह कभी गालियाँ नहीं देंगे न ही आपको कुत्ते सुअर आदि से संसर्ग करने के लिये बाध्य करेंगे।
जय जय भड़ास

किलर झपाटा ने कहा…

मैने बिल्ककुल सही कहा था कि आप झोलाछाप ही हैं, रूप्पू जी, क्योंकि जो कोई भी आपकी पुँगी बंद कर देता है उसे आप अपनी बहन बना लेते हैं, अब चाहे वो पुरुष ही क्यों ना हो ? पहले ज़ील को बनाया अब मुझे बना रहे हैं। बहुत कम उम्र में सठिया रहे हैं क्या बात है?
बड़े जल्दी झोल खाने लगे यार आप तो। हा हा।

किलर झपाटा ने कहा…

आप मुझे का सदस्य बनाकर क्या करोगे रुप्पू ? शेर कभी लड़ैयों के ग्रुप में रहा करता है भला ? अच्छा एक बात और देखी मैने आपमें ? आप जैसे खुद का यौन परिवर्तन करके ज़ील बन जाते हो वैसे मेरा भी शब्दों के माध्यम से किये जा रहे हो। मेरे को शंका हो रही है कि कहीं आप निल बटे सन्नाटा तो नहीं हो ? हा हा। और जब आप थायलंड में रहकर अपनी परमपरा निभा सकती हैं तो क्या मैं हाँगकाँग में रहकर नहीं निभा (सकता)। मुन्नू और दिन्नू की पोस्टे ठीक से पढ़ने के बाद बताइये कि वे भड़ास पर गाली गलौज नहीं बल्कि आरती पूजा वगैरह कर रहे हैं। हाँ नहीं तो यू "आँखों के अंधे और नाम नैनसुख"। हा हा। आपको इसके उसके यौन परिवर्तनों और झाड़फ़ूँक से फ़ुर्सत मिले तब ना आप कोई पर्व मनाओगे ? यू झोलू, नॉटी। बाय बाय।

डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava) ने कहा…

बहन किल्ली झपाटिन ने मान लिया है कि मैं कम से कम इतना सक्षम शल्य चिकित्सक तो हूँ कि यौन परिवर्तन करने की दक्षता रखता हूँ। थाईलैंड को यदि सही लिखतीं तो इतना अश्लील सा नहीं लगता लेकिन आप ठहरीं भाईयों के साथ बलात्कार करने की मनोवृत्ति की विकृत कामरुग्णा तो आपको थाईलैंड भी जाँघों और पुरुषांग से जुड़ा प्रतीत होगा । क्या लंदन को भी ऐसा ही कुछ मानती हो बहन किल्ली झपाटिन? क्या कभी आपको झाड़ा या फूंका है? क्या बात है इस बाद वाली टिप्पणी में हँसने का कोटा पूरा हो गया है या अब हँसी आना बंद हो गयी प्यारी बहना? शेर सचमुच लड़ैयों के ग्रुप में नहीं रहता लेकिन रहता तो जंगल में ही है तो हम भड़ासियों के जंगली, गंवार, जाहिल व्यवहार से भड़ास आपको अभी भी शरीफ़ों का शहर लग रहा है ये तो हम आदिमानवों, गधों, लड़ैयों का जंगल ही है आप चाहें तो शेरनी बन कर रह सकती हैं। अब मै हँस लेता हूँ हा हा हा हा हा हा
जय जय भड़ास

किलर झपाटा ने कहा…

आपको ठीक से हँसते बन नही रहा है यहाँ। एक काम करिये मेरे ब्लॉग पर तफ़री कर आइये जरा। वहाँ नया हास्य मसाला है जिस पर नजर मारने की फ़ुर्सत आपको शाब्दिक यौन परिवर्तन के हवा हवाई आपरेशनों की वजह से से नहीं मिली है अब तक। हा हा। चलो मैं भी आपका यौन परिवर्तन कर देता हूँ रूपेशनी श्रीवास्तवन बाई जी।

मुझे हँसी इस बात पर आ रही है कि आपको अब मेरी बातों के जवाब सूझ नहीं रहे हैं। प्रशांत भूषण की बात से विवाद शुरू हुआ था वो तो कब का भुलाया जा चुका है। सब अपने अपने काम में लग चुके हैं और आप ही एक ऐसे महामूरखनाथ मुझे नजर आये जो व्यर्थ में ही सिर्फ़ इस बात पर मुझसे भिड़े हुए हैं कि यदि चुप हो गये तो (Lond on) कैसे कहलायेंगे ? अब कुछ नहीं मिल रहा तो कहीं स्पैलिंग मिस्टेक खोजने लगे उससे भी काम न बना तो झपाटिन बना दिया। क्यों आपके पास गालियों का स्टॉक खत्म हो गया क्या ? वो मराठी हैडिंग के नीचे बुन्देलखण्डी में आप ही तो गरिया रहे थे ना मुझे ?

काय गू कढ़ याओ का अब? बड़े हुसियार बनबे चले हो। मूड़ पे कौवा नै टौंका कर द्‍ओ लगत है। हा हा। रूपेशनी बाई।

हिज(ड़ा) हाईनेस मनीषा ने कहा…

किलर झपाटा के नाम से लिखने वाले आप जो कोई भी हों वाकई बीमार दिमाग के हैं। आप भाई बहन जैसे संबोधन लिखते हैं और बलात्कार की भी बात करते हैं। भड़ास पर कभी भी स्त्री, पुरुष या मुझ जैसे लैंगिक विकलांग का कोई भेद न रख कर ही सुदृढ़ बनाए रखा गया है। आप अपनी खीझ के चलते चाहे जितनी भी गालियाँ दीजिये या हमारे आदरणीय भाई डॉ.रूपेश श्रीवास्तव जी के बारे में कुछ भी अपशब्द लिखें उन्हें आपकी किसी बात का बुरा नहीं लगेगा क्योंकि मैं देख रही हूँ कि आप सचमुच मनोरोगियों की तरह बर्ताव कर रहे हैं। उन्हें आपक बर्ताव स्त्रैण लगा तो उन्होंने आपको बहन कहा यदि आप बहन नहीं हैं तो परेशान मत होईये यहाँ तो लैंगिक विकलांगों को भी उतना ही आदर और प्रेम मिलता है। भड़ास पर आप जैसे कई लोग आ चुके हैं और अपनी खीझ निकाल कर स्वस्थ होकर गए हैं यदि आप भी स्वस्थ हो गए तो भड़ास का उपकार रहेगा आप पर।
आप चाहें तो मुझे भी जी भर कर गालियाँ लिख सकते हैं मैं आपको गाली नहीं दूंगी क्योंकि वो तो मैं भाई की संगति में जमाना पहले छोड़ चुकी हूँ। यदि भायखला आना हो तो मुझसे जरूर मिलियेगा । आपको भाई से एक बार जरूर मिलवाना चाहूंगी ताकि आप देख सकें कि डॉ.रूपेश श्रीवास्तव के व्यक्तित्व की विशालता क्या है आप खुद को सेलेब्रिटी कह कर गलतफहमी पाले हैं वो भी दूर हो जाएगी।
भाई बहन के शारीरिक रचना के सामाजिक संबंध से परे आपकी बहन
मनीषा नारायण

हिज(ड़ा) हाईनेस मनीषा ने कहा…

अमित भाई आपने सचमुच लज्जित कर दिया । आपका बर्ताव एक बार दोबारा घिनौना हो गया है।

डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava) ने कहा…

दीदी, बेचारी किल्ली झपाटिन रुग्णा हैं ये सब देख रहे हैं आप इसके लिये परेशान न हों इसी तरह उपचारात्मक संपर्क में रह कर ये जरूर स्वस्थ हो जाएंगी। इन्हें भड़ास की सदस्यता स्वीकार नहीं है क्योंकि ये खुद को कभी शेर कभी पहलवान कभी अंग्रेज जताती हैं ये इनकी बीमारी का ही एक लक्षण है।
जय जय भड़ास

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