मल्टी ब्रांड रिटेल्स वाली कंपनिया जैसे वालमार्ट कैसे काम करती हैं - सरकार इस शीतकालीन सत्र में पास करना चाहती है........
सोमवार, 21 नवंबर 2011
जानिए मल्टी ब्रांड रिटेल्स वाली कंपनिया जैसे वालमार्ट कैसे काम करती हैं जिसे सरकार इस शीतकालीन सत्र में पास करना चाहती है... जरुर पढ़ें..अग्रेषित करे......
१-इन कंपनियों के पास बहुत पैसा होता है और देश का कानून इनके हाथ में होता है.
२-ये उत्पादको से सीधे उत्पाद खरीद कर जमा कर लेते है बहुत सस्ते रेट में.
३-जब बाजार में सामान की कमी हो जाती है तो उसके भाव बढ़ जाते है, जैसे प्याज ४० रुपये किलो बिकेगा.
४- ये कंपनिया अपने जमा स्टाक से प्याज निकालकर ३८/- किलो बेचेगी और रोज अखबार में विज्ञापन आयेगा की वालमार्ट प्याज ३८/- में बेच रही है. जबकि खुले बाजार में प्याज ४०/- किलो है.
५- बड़ी कंपनियों का यही रवैया पूरे विश्व में है, भारत में यह करना बहुत आसान है क्योकि यहाँ पर नेता चोर है.
६-हमारे समाज के गरीब दुकानदार और ठेलेवाले अपना व्यवसाय बंद हो जाने के कारण चोरी डकैती और राहजनी करना शुरू कर देंगे क्योकि वालमार्ट के आने से छोटे व्यापारियों ठेले वाले की दुकानदारी बंद होनी ही है.
यह ठगी बंद होना चाहिए - इसके कांग्रेस को सत्ता विहीन करना ही होगा..
जय भारत
4 टिप्पणियाँ:
बस यहाँ कुछ चूतिया किस्म के छक्के और कुछ नपुंसक फट्टू बैठे है जो सिर्फ कुत्तों की तरह भोक सकते है ,पर किसी सार्थक समस्या पर नहीं बोल सकते
मुखौटाधारी सुअर जो निकला है उसे तुम खा कर अपना पेट भर लेते हो इसलिये वो दिख नहीं रहा है।
हँसी भूल गये हो क्या या चपर चपर करने में चौबीस घंटे कम पड़ रहे हैं:)
जय जय भड़ास
अजय मोहन जब तुमने सूअर का हगा कहा लिया ही है ,तो अब क्यों शर्मा रहे हो और अपने लिखे हुए को मिटा रहे हो ,खाओ खाओ सूअर का ,कुत्ते का ,सब का हगा खाओ और अपने छक्को को भी खिलाओ ...:)
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