रजनीश झा, आप कब से भड़ासी नहीं रहे???

शुक्रवार, 18 नवंबर 2011





विज्ञापन व्यापार का साधन है इस बात से कोई इन्कार नहीं कर सकता है। हमारे पास मीडिया है तो हम उस पर किन विज्ञापनों को स्वीकार करें इससे पता चलता है कि हमारी सोच क्या है। सिगरेट, शराब, गुटका, नशीले पदार्थ आदि जैसे विज्ञापनों को स्वीकारनें से पता चलता है कि आप समाज के प्रति कितने उत्तरदायी हैं। दूसरी तरफ एक ये भी बात कही जाती है कि इस तरह से आयी कमाई से थोड़ा सा दान-धर्म कर दो ताकि पाप कट जाए। वेबसाइट्स पर हम जो विज्ञापन स्वीकारते हैं उससे हमारी सोच का पता चलता है कि हम पैसा कमाने के लिये किस हद तक नीचे उतर सकते हैं। वेबसाइट्स पर अधनंगी लड़कियों की तस्वीर के सहारे चलते विज्ञापन शायद ज्यादा हिट्स दे पाते होंगे ये सोच बताती है कि वेबसाइट संचालक कितने जिम्मेदार हैं।
उम्मीद डॉट कॉम के संचालक किसी तरह पैसा कमा लेना चाहते हैं चाहे बुरके वाली लड़कियों की तस्वीर हो या अधनंगी लड़कियों की तस्वीर वाला विज्ञापन लेकिन अफ़सोस तो इस बात का हुआ कि इस दौड़ में भड़ास के दो संचालकों में से एक रजनीश के.झा जी भी शामिल हो गये हैं। यदि रजनीश जी भड़ास को जीवन में जरा सा भी जी सके हैं तो इस बात पर ध्यान देंगे कि पैसा काफ़ी कुछ है सबकुछ नहीं जीवन में उसूल भी मायने रखते हैं।
जय जय भड़ास

16 टिप्पणियाँ:

शम्स भडवेअपनी औकात मे रह ने कहा…

अपने को देख भड्वे

किलर झपाटा ने कहा…

हा हा भड़ास के संचालक ने धर्म परिवर्तन कर लिया है शायद तभी तो भड़ासगिरी से भड़वागिरी पर उतर आए।

मुनव्वर सुल्ताना Munawwar Sultana منور سلطانہ ने कहा…

कुछ बोल पाने की स्थिति नहीं है लेकिन एक बात का आश्चर्य है कि इस पोस्ट के बाद तुरंत भाई शम्स को गाली देते हुए खुले आई.डी. से करा गया कमेंट जरूर आ गया जो कि भड़ास का कोई सदस्य ही कर सकता है। भड़ासी का मुखौटा लगाए इस लीचड़ के लिये जरूर कहना है कि पैसा तो वेश्या और उसके दलाल भी कमा लेते हैं लेकिन तू कौन है दलाल या वेश्या जो परेशान है?
पूरा विश्वास है कि भाई रजनीश इस बात की तरफ ध्यान देंगे साथ ही उम्मीद डॉट कॉम के संचालक भी सचेत होंगे कि उनकी वेबसाइट पर लगाने जैसा विज्ञापन नहीं है ये।
जय जय भड़ास

डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava) ने कहा…

अरे भाई आप सब जानते हैं कि भड़ासी तो घोषित तौर पर बुरे लोग हैं और भाई रजनीश झा तो भड़ास के संचालक हैं तो अगर उनके पैसा कमाने का ये तरीका किसी "शरीफ़" आदमी को बुरा लगता हो तो वो न पधारे उनकी वेबसाइट पर क्या वो आपको न्योता भेज रहे हैं?रजनीश भाई यदि आपको लगता है कि लौंडियों की फोटू लगा कर पैसा कमाना गलत है तो भी हटाना मत क्योंकि इन शरीफ़ों में से एक भी आपको दो पैसा भी देने न आएगा लेकिन आप यदि कुछ करेंगे तो मीनमेख निकालने जरूर आ जाएंगे। आप स्वतंत्र हैं जो चाहे करें।
मेरी सहमति असहमति से कोई असर नहीं पड़ता है यदि शम्स को बुरा लगे तो मेहरबानी करके वहाँ न जाएं। उम्मीद डॉट कॉम से मुझे कोई उम्मीद नहीं है। शेष भड़ासियों पर छोड़ता हूँ रजनीश भाई चाहें तो अपना मत रखें जबरई नहीं है कि वे बोलें ही।
जय जय भड़ास

किलर झपाटा ने कहा…

प्यारे रुप्पू तुम आजकल बदमाश भी हो गये हो झोलू। रजनीश भाई को गरिया भी रहे हो और खुद "शम्स भड़वे अपनी औकात में रह" के नाम से रजनीश भाई को बदनाम भी कर रहे हो कि ये टिप्पणी कोई भड़ासी ही कर सकता है। मेरे ब्लॉग पर मेरी बोगस प्रोफ़ाइल से टीप कर खुद को होशियार साबित करना चाहते हो ? शिखंडी कहीं के। हा हा। क्या समझते हो ? ये काम मुझे नहीं आता ? तुमने bhadas ko bharhas कैसे बनाया है बच्चे मुझे भी मालुम है। शब्द वाणॊं तो भोथरे साबित हुये तुम्हारे, चलो तुम्हारे टैक्निकल वाणॊं का जवाब भी दे दिया जायेगा, जल्द ही। फिर रोना मत मेरा नाम ले ले कर। हा हा। गधऊ कहीं के।

अब अक्ल की बात बोला रप्पू ने कहा…

पता नहीं लोगो के पिछवाड़े मे ये देख कर क्यों आग लग गई ,अरे कोई कुछ भी करे तुम्हे क्या ,अब बिलकुल सही बोला रप्पू मिया ,जो करना हो करो , शम्स क्यों वहा जा कर देख रहा है , उल्लू लाल कही का ...............

Urmi ने कहा…

बढ़िया पोस्ट! सुन्दर प्रस्तुती!

sanjay ने कहा…

किलर झपाटा के नाम का मुखौटा लगा कर या ओपन आई.डी. से लिखने वाले तुम हो तो भड़ासियों में छिपे हुए मक्कार जो सिर्फ़ पैसों के लिये मरे जा रहे हो तभी तो रजनीश झा की ऐसी बात से सहमति जता रहे हो जिस पर उन्होंने खुद चुप्पी साध रखी है। पिछली एक पोस्ट में रजनीश झा साहब कमेंट के तौर पर सहमतिमात्र लिख कर जो गायब हुए तो अब तक साँस रोके बैठे हैं क्या इन बातों का अर्थ ये लगाया जाए कि भड़ास पर एक बार फिर से ध्रुवीकरण का प्रेत मंडरा रहा है और इतिहास दोहराया जाएगा जिस तरह पिछली बार हुआ था कि यशवंत सिंह नाम के एक चीसड़ बनिए ने भड़ास की हत्या कर दी थी और डॉ.रूपेश श्रीवास्तव, मुनव्वर आपा, मनीषा दीदी आदि को तकनीकी अधिकार के चलते निकाल बाहर किया था। इस बार डॉ.रूपेश श्रीवास्तव को दोबारा दिमागी तौर पर तैयार रहना चाहिये कि यदि बाबू रजनीश झा अपने संचालन अधिकार के चलते उनके पिछवाड़े या हर उसको जो उनके विरोध में है भड़ास से हटा दें तो भड़ास की आत्मा को कैसे बचाना है।
रजनीश झा साहब अपनी निजी वेबसाइट के विज्ञापनों से कमा रहे हैं तभी तो अब वे भड़ास पर डॉ.रूपेश श्रीवास्तव की बात का जवाब तक देने की जहमत नहीं उठाते। डॉ.साहब तैयार हो जाइये जल्द ही रजनीश झा आपको भड़ास से निकाल फेंकेगे यदि आप उनके खिलाफ़ हुए तो क्योंकि पैसे के प्रेत से आवेशित बंदा भड़ासी नहीं रह पाता फिर वह तिकड़में लगाता है। यदि आप लोगों के निजी सम्पर्क हों तो इस बारे में बात जरूर कर लीजिये। रजनीश जी यदि जरा सी भी जिम्मेदारी का एहसास बचा है तो वह अश्लील विज्ञापन हटाने में न हिचकिचाएं। यदि इसके बाद इस बात पर कोई भी ओपन आई.डी. से कमेंट आएगा तो पोल खुल जाएगी कि मियाँ कौन है और बनिया कौन है :)
जय जय भड़ास

दीनबन्धु ने कहा…

किलर झपाटा के नाम से लिखने वाले फटैल तुम क्या जानो कि डॉ.रूपेश और भाई रजनीश झा क्या हैं, तुम जैसे लाखों चूतिये मुखौटाधारी चाहें तो भी उनके बीच गलतफ़हमी नहीं ला सकते। अबे कार्टून ! bhadas को bharhas कैसे,क्यों,कब बनाया ये तुझे पता है? अबे चिरकुट लेंडी ! आँख में किसी भड़ासी से मुतवा ले तो साफ़ देख पाएगा कि bharhas नहीं bharhaas है। ये जवाब हम भड़ासियों ने तेरे नाजायज़ बाप यशवंत सिंह को दिया था उस समय तू गर्भ में रहा होगा। ओपन आई.डी. से कमेंट करके भड़ासियों में दरार नहीं डाल सकता तू लेकिन तू तो गधा नहीं गधी है ये डॉ.रूपेश ने बताया है कि तू बीमार है खुद को मर्द मर्द कहने का दर्द है तुझे। तो प्यारी गधी ! भड़ासी तुम्हारे रेंकने और दुलत्तियाँ झाड़ कर पिछाड़ी दिखाने में मजे ले रहे हैं। जब सामने आओगी तो पूछना है कि भाईयों से भी बलात्कार की सहमति है किस परम्परा को निभाती हो तुम???
जय जय भड़ास

दीनबंधु की आख मे मुह मे ,कान मे और बाकि की जगह पर भी मूतते हुए ने कहा…

तुझे तेरी औकात बता रहा हु भड़ास के भडवे ,तू जा कर किसी गधे से अपने पिछवाड़े को मरवा ले नहीं तो तुम भडासी भड्डवो आपस मे ही कर लो ,कुछ छक्के जो है वो dildo से तुम्हारा काम कर ही देगे ,जब तुम्हे कुछ अकल आ ही जायेगी ,फिर तुझे पता चल जायेगा की तेरे कितने नाजायज बाप तेरे जायज बाप की भी दिन मे मारते थे ,फिर अपने नाजायज बापो से मजा लेना जो तुम्हारा बाप लेता था ,अपना पिछवाडा गर्म करवाने का ..

दीनबन्धु ने कहा…

रजनीश जी आप किस कारण से चुप्पी साधे बैठे हैं ये बात समझ में नही आयी। आप तो ऐसे नहीं हैं या परिस्थितियों ने आपको भी बदल डाला है बाजार की हवा किसी का भी ईमान खरीद लेती है लेकिन भड़ासी बिकाऊ नहीं हुआ करते थे। आपकी चुप्पी और खुली आई.डी. से दूसरे नामों से आते कमेंट्स क्या बता रहे हैं, क्या अनुमान लगाया जाए?
जय जय भड़ास

अब अपनी औकात दीनबंधु को समझ मे आ ही गई ने कहा…

जब इस फटेहाल दीनबंधु को इसी की फटी हुई पिछवाड़े की याद दिलाई गई ,जभी इसे अपनी असली औकात और भड़ास का छक्का पण याद आया ,और ये नपे तुले शब्दो मे बोलने लगा ,अब लगाता रह अनुमान

مننور سلطانہ کے لئے ने कहा…

مننور سلطانہ اگر تمہیں کوئی بات پسند نہیں ہے تو وہ شخص تمہارے لئے ليچڑ بن جائے گا؟ کیوں ہر کوئی یہاں تم علامت کا ہی حمایت کرے؟

شمس शम्स Shams ने कहा…

एकदम सीधा अनुमान लगा रहा हूँ कि भड़ास पर किलर झपाटा के नाम से लिखने वाले और उल्टेसीधे नामों से टिप्पणी करने वाले कोई दूसरे नहीं बल्कि खुद भड़ास के संचालक रजनीश के.झा हैं जो कि शायद भड़ास पर डॉ.रूपेश श्रीवास्तव जी से अलग विचारधारा रखते हैं और अब बाजारवाद के बहाव में आकर ये हरकतें कर रहे हैं। वैसे भी उन्हें अब भड़ास के लिये समय नहीं है क्योंकि वे अपने निजी कार्यों में व्यस्त हैं। एक बार दोबारा भड़ास पर वही कहानी दोहराए जाने की आशंका है जो पहले भड़ास पर हो चुकी है, रजनीश जी पर यशवंत सिंह का प्रेत सवार हो चुका है इसलिये डॉ.रूपेश जी एक बार फिर तैयार हो जाएं इस बात के लिये कि भड़ास का फिर पुनर्जन्म होगा और इस बार हत्या के जिम्मेदार होंगे रजनीश झा ।
जय जय भड़ास

चुप बे चूतिया शम्स ने कहा…

अपनी हरकतों को लगाम दे

डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava) ने कहा…

क्या बात है मुखौटाधारी कीड़े, शम्स भाई ने ले ली क्या बेलगाम होकर जो कि उन्हें लगाम लगाने कि सलाह दे रहा है।
जय जय भड़ास

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