मच्छर और ३.५ लाख करोड़ का व्यापार

शुक्रवार, 16 दिसंबर 2011

प्रिय भारत वासियों ,
क्या एक छोटा सा जीव मच्छर भारतीय अर्थव्यवस्था को लगभग ४ लाख करोड़ का चुना लगा रहा है ?
क्या आपने कभी सोचा, राकेट बनाने वाले भारतीय वैज्ञानिक संस्थाओं ने मच्छर मारने वाला रैकेट क्यों नही बनाया???
जानिये क्यों:  
१- भारत में कुल आबादी १२२  करोड़  है
२- भारत में कुल दवाओं का व्यापार  ९  लाख करोड़ से ज्यादा का है.
३- भारत में ३३% बीमारी मच्छर के काटने से होती हैं,
४- यानि करीब २९०००० करोड़ का फालतू खर्चा हमारे भारतियों को सिर्फ मच्छर के काटने से  होने वाली बीमारी की दवा पर खर्च करना पड़ रहा है.
५- विदेशी कंपनियों का मच्छर अगरबत्ती और मच्छर क्रीम , मच्छर टिकिया, मच्छर द्रव  पर खर्च जो   हो रहा है सो अलग . इन अप्रभावी सभी चीजों का जोड़िये जो पूरे खर्चे को ३.५ लाख करोड़ के पास पंहुचा देती है.
६- मच्छरों की वजह से नहीं सो पाने की कारण हमारी जनशक्ति की क्षमता बहुत ही बुरी तरह प्रभावित हो रही है, यह घाटा भी इसी में जोड़िये.
७- न चाहते हुए भी मच्छरों से बचाव के लिए हम बिजली का पंखा चलाकर बिजली का खर्चा बढ़ा रहे है. इसे भी जोड़िए.
८- हर साल धुंआ बनाने के कारन स्वास्थय हानि और धुआं करते समय लगी आग के नुकसान भी इसमे जोड़िए.
९- विदेशी जहर से हमारे  भविष्य के मासूमो की जो न मापी जा सकने स्थायी हानि हो रही है, उसका कोई हिसाब नहीं है.
 
हम सिर्फ बहुत ही प्रभावी व्यवस्था मच्छरदानी के ही सहारे है जो मच्छर को नहीं मारता है तथा हमें और हमारे पढ़ने वाले बच्चो को कमरे में पढ़ते आदि समय मच्छर से रक्षा नहीं करता है.......
परन्तु एक छोटा सा उपकरण बहुत ही प्रभावी रूप से घर के अन्दर मच्छरों को हमेशा के समाप्त कर देता है और हमें अपने घर में बड़े चैन से रहने में मदद करता है ..
वह चीज है मच्छर मारने वाला रैकेट जिसे हमारी सरकार को तुरंत बिना टैक्स लिए सबको सस्ते में उपलब्ध कराना चाहिए.
यह बिजली से  चार्ज होने वाला रैकेट हर घर में होना चाहिए और इसका बाजार मात्र 23 करोड़ परिवार और प्रति परिवार एक रैकेट और हर रैकेट १५० रूपये के हिसाब से  ३५०० करोड़ का है,
 
यदि सरकार चीन से बनी घटिया क्वालिटी के रैकेट के बदले बहुत दिनों तक चलने वाली भारत में बनी मच्छर मारने का  रैकेट उपलब्ध करवा दे तो हमारे देश की पूरी आबादी मच्छरों को मार  मारकर विदेशियों को करीब हमारा ४लाख करोड़ रुपया लूटने से बचा लेगी.
यह मजाक नहीं एक कड़वी सच्चाई है की हमारे नेता हर नुक्कड़ पर देशी शराब बिकवाते है परन्तु देश को ऊपर उठाने का कोई भी काम नहीं करते है.
वन्दे मातरम,
संजय कुमार मौर्य


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