हर जिले में एक संजय चाहिए - dr.vpvaidik@gmail.com
सोमवार, 27 फ़रवरी 2012
25 फरवरी 2012: मुंबई के कृपाशंकर की कहानी अकेली नहीं है| अभी उन्होंने मुंबई के कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया है| वे कांग्रेस की प्रादेशिक सरकार में गृह मंत्री भी रहे हैं| इस बार उन्हें मुंबई के उच्च न्यायालय ने दबोच लिया है| न्यायालय ने मुंबई के पुलिस कमिश्नर को निर्देश दिया है कि कृपाशंकर, उनकी पत्नी, बेटे और बहू की अकूत संपत्तियों की विस्तृत जांच की जाए और पता लगाए जाए कि मूल रूप से आलू प्याज बेचने वाले इस कृपाशंकर के पास इतनी संपत्तियां कैसी इकट्ठी हो गई| अदालत ने यह कार्रवाई किसी संजय तिवारी की याचिका पर की है|
संजय तिवारी ने कृपाशंकर का सारा कच्चा चिट्ठा सूचना के अधिकार कानून के तहत खुलवाया है| तिवारी के याचिका के आधार पर ही भ्रष्टाचार-उन्मूलन ब्यूरो ने खोज-पड़ताल की और पाया की कृपाशंकर की दर्जनों संपत्तियां बिल्कुल अवैध है| कृपाशंकर का समधी कमलेश सिंह जेल में है| वह जेलयात्री मधु कोड़ा का मंत्री रहा है| मधु कोड़ा कृपाशंकर की देख-रेख में ही मुख्यमंत्री बना था| कृपाशंकर उस समय झारखंड कांग्रेस में दखल रखता था| कृपाशंकर भी जेल की हवा कब खाएगा, कुछ पता नहीं लेकिन यह तथ्य है कि सिर्फ मुंबई कांग्रेस में ही नहीं, हमारे हर जिले में कई कृपाशंकर विद्यमान है| कृपाशंकर पर सिर्फ कांग्रेस की बपौती नहीं हैं| कांग्रेस की कृपा से हर पार्टी में दर्जनों कृपाशंकर विराजमान है| कोई भी राजनीतिक दल यह दावा नहीं कर सकता कि वह कृपाशंकर की कृपा से वंचित है| कांग्रेस-संस्कृति सभी दलों में फैल चुका है|
लेकिन असली प्रश्न यह है कि देश में संजय तिवारी कितने हैं? संजय के सीने में कितनी बहादुरी और कितनी दृढ़ता भरी हुई है? एक चींटी ने एक हाथी पर वार कर दिया| कृपाशंकर के हाथ बहुत लंबे हैं| मुंबई ही नहीं, दिल्ली के बड़े से बड़े नेताओं तक उसकी सीधी पहुंच है| जैसे पहले कई भांडाफोड़-पत्रकारों और अफसरों को अपनी जान से हाथ धोने पड़े| संजय को भी भरी जवानी में इस दुनिया से कूच करना पड़ सकता है| लेकिन संजय तिवारी ने मुंबई में ऐसी चिंगारी रख दी है, जो सारे देश में जंगल की आग की तरह फैल सकती है| यह आग ही भ्रष्टाचार को भश्म करेगी|
-- धन्यवाद एवं हार्दिक शुभेच्छा,
राकेश चन्द्र
प्रकृति आरोग्य केंद्र
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