1300 वर्ष पुराने ऐतिहासिक शिव मन्दिर का है, जो कि विक्किरीवन्दी-तंजावूर राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित है
शुक्रवार, 13 अप्रैल 2012
मित्रों,
प्रस्तुत चित्र 1300 वर्ष पुराने ऐतिहासिक शिव मन्दिर का है, जो कि विक्किरीवन्दी-तंजावूर राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित है। चूंकि यह मन्दिर इस राष्ट्रीय राजमार्ग के चौड़ीकरण के बीच आ रहा है इसलिए NHAI द्वारा इस मन्दिर को ढहाने के लिए इस पर लाल निशान लगाए जा चुके हैं।
यह मन्दिर चोल वंश के राजाओं ने निर्मित करवाया था, तथा इसमें चोल वंश के कई महत्वपूर्ण दस्तावेज एवं मूर्तियाँ सुरक्षित हैं। इस मन्दिर की एक और खासियत यह है कि तमिल नववर्ष के पहले दिन सूर्य की किरणें एकदम सटीक रूप से गर्भगृह में स्थित शिवलिंग पर पड़ती हैं…। ग्रामवासियों ने अब तक NHAI को कई ज्ञापन दिए हैं परन्तु फ़िलहाल सड़क के लिए इस मन्दिर को तोड़े जाने की पू्री आशंका है…।
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यहाँ तक की खबर पढ़कर सभी सेकुलर और "गाँधीवादी" बहुत खुश होंगे, तथा "शेखू-लरिज़्म" की महान परम्परा के गुणगान अवश्य गाएंगे…। परन्तु उन्हें अधिक खुश होने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि "विकृत सेकुलरिज़्म" का चेहरा उन्हें अगली कुछ पंक्तियों में ही दिखाई दे जाएगा…
यह खबर है सन 2008 की, जब कोलकाता में वामपंथी शासन था। कोलकाता एयरपोर्ट के रन-वे की लम्बाई बढ़ाने के रास्ते में 120 वर्ष पुरानी एक मस्जिद आ रही थी। "धर्म को अफ़ीम मानने वालों" तथा "सेकुलरिज़्म के पुरोधाओं" ने इस मस्जिद को बचाने के लिए समूचे एयरपोर्ट नवीनीकरण के नक्शे को बदलवाकर 2000 करोड़ से अधिक का चूना करदाताओं को लगाया। इस प्रक्रिया में रन-वे का रास्ता बदलने के लिए 25000 एकड़ अतिरिक्त भूमि का अधिग्रहण करना पड़ा, तथा रनवे के अन्त में आने वाली सभी हाइराइज़ इमारतों को जिन्हें पहले 20 मंजिला बनाने की अनुमति दी जा चुकी थी, उन्हें 17 मंजिल तक सीमित करने के आदेश जारी हुए…
http://www.expressindia.com/latest-news/Kolkata-airport-Map-redrawn-land-to-be-acquired-highrises-trimmed-to-save-mosque/317195/
यह मन्दिर चोल वंश के राजाओं ने निर्मित करवाया था, तथा इसमें चोल वंश के कई महत्वपूर्ण दस्तावेज एवं मूर्तियाँ सुरक्षित हैं। इस मन्दिर की एक और खासियत यह है कि तमिल नववर्ष के पहले दिन सूर्य की किरणें एकदम सटीक रूप से गर्भगृह में स्थित शिवलिंग पर पड़ती हैं…। ग्रामवासियों ने अब तक NHAI को कई ज्ञापन दिए हैं परन्तु फ़िलहाल सड़क के लिए इस मन्दिर को तोड़े जाने की पू्री आशंका है…।
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यहाँ तक की खबर पढ़कर सभी सेकुलर और "गाँधीवादी" बहुत खुश होंगे, तथा "शेखू-लरिज़्म" की महान परम्परा के गुणगान अवश्य गाएंगे…। परन्तु उन्हें अधिक खुश होने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि "विकृत सेकुलरिज़्म" का चेहरा उन्हें अगली कुछ पंक्तियों में ही दिखाई दे जाएगा…
यह खबर है सन 2008 की, जब कोलकाता में वामपंथी शासन था। कोलकाता एयरपोर्ट के रन-वे की लम्बाई बढ़ाने के रास्ते में 120 वर्ष पुरानी एक मस्जिद आ रही थी। "धर्म को अफ़ीम मानने वालों" तथा "सेकुलरिज़्म के पुरोधाओं" ने इस मस्जिद को बचाने के लिए समूचे एयरपोर्ट नवीनीकरण के नक्शे को बदलवाकर 2000 करोड़ से अधिक का चूना करदाताओं को लगाया। इस प्रक्रिया में रन-वे का रास्ता बदलने के लिए 25000 एकड़ अतिरिक्त भूमि का अधिग्रहण करना पड़ा, तथा रनवे के अन्त में आने वाली सभी हाइराइज़ इमारतों को जिन्हें पहले 20 मंजिला बनाने की अनुमति दी जा चुकी थी, उन्हें 17 मंजिल तक सीमित करने के आदेश जारी हुए…
http://www.expressindia.com/latest-news/Kolkata-airport-Map-redrawn-land-to-be-acquired-highrises-trimmed-to-save-mosque/317195/
धन्यवाद एवं हार्दिक शुभेच्छा,
राकेश चन्द्र
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