आँखों से बह गये अश्कों के धारे तुम इतनी जल्दी क्यों हो गये अल्लाह को प्यारे
शनिवार, 12 मई 2012
भडास के पिता डा. रुपेश श्रीवास्तव की शोक सभा में अंजुमन इस्लाम हाल में लोगों के कलेजे फ़ट गये, आँखों से अश्रू के धारे बहते जाते थे।जो थमने का नाम ही नहीं लेते थे ,लोगों के दिलों की भडास निकाल कर अपनी मीठी
मीठी यादों की मिठास घोल कर कभी न वापस लौट कर आने के लिये हमें अलबिदा कह कर चले गये डा.रुपेश जी ।शोक सभा मे
मुंबई के तमाम नामचीन हस्तियां शामिल हुई, रुपेश जी के नाम से अवार्ड और स्कूल खोलने कि घोषणायें हुई।और उनकी जिंदगी के बारे में एक डाक्यूमेन्ट्री फ़िल्म भी दिखायी गयी।
3 टिप्पणियाँ:
Dr. Rupesh Srivastava humesha humare sath apne kiye hue kaaryo ke sath zinda rahenge!!
naa jaane konse chor raste se sabke dilo mein ghus gaye..
or amar hogaye
...........:(
दुखी है मन ,
पर क्या कर सकता है मन
लाखों-करोड़ों में एक थे रूपेश भैया। सदैव जीवित रहेंगे हमारे दिलों में।
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