अनुसंधान की सिर्फ नौटंकी ने देश का बड़ा गर्क कर दिया और हमारी आने वाली पीढ़ी को भीख मागने के लिए मजबूर कर देगी ये विदेशी सरकारें, भारत की सबसे बड़ी समस्या है २२ करोड उर्जावान शिक्षित युवाओं को सम्मानजनक रोजी न मिलना .....कारन देखिये क्या हैं...

शनिवार, 19 मई 2012

अनुसंधान की सिर्फ नौटंकी ने देश का बड़ा गर्क कर दिया और हमारी आने वाली पीढ़ी को भीख मागने के लिए मजबूर कर देगी ये विदेशी सरकारें, भारत की सबसे बड़ी समस्या है २२ करोड उर्जावान शिक्षित युवाओं को सम्मानजनक रोजी न मिलना .....कारन देखिये क्या हैं...
नेहरू के ज़माने से ही जन बूझकर भारत सरकार ने अनुसन्धान के नाम पर सिर्फ टाइम पास और नौटंकी की गयी और जिसने अंदर घुस कर सत्य उजागर करने की कोशिश की या तो वह मारा गया, या ब्लैकमेल हुआ या नौकरी से गया.
भारत में यही हाल लगभग हमेशा ही बनाये रखा गया यहाँ तक की भारतीय प्रतिभाओ द्वारा खोजे गए अविष्कारो को विदेशियों के नाम से पंजीकृत किया गया. जो लोग विदेशियों को अपना आविष्कार दिए उन्हें भी पेटेंट नहीं सिर्फ एकमुश्त पैसा और उस कंपनी में नौकरी मिली.
भारत को अनुसंधान विहीन बनाकर सबसे ज्यादा फायदा दोगले लोगो को हुआ जो रहे तो सरकार में भारतीय बनाकर लेकिन विदेशी सौदागरों की दलाली ही करते रहे और १ का माल भारत के दबी जनता की गाढ़ी कमाई से १०० में खरीदवा कर अपने खातों में पैसा डलवाया वह भी विदेश में. इस हरामखोरी का दूरगामी परिणाम यह है—
१)      भारत का आयात दसियों गुना बढ़ गया और भारत के निर्यात २४% से ०.७% हो गया.
२)      भारत में विदेशी कम्पनियो की बाढ़ आ गयी और लाखो कारखाने स्वदेशी तकनीक के आभाव में बंद करने पद गए जिससे करोडो लोग बेरोजगार हो गए. क्योकि भारत सरकार के दलालो ने पैसा खाकर विदेशियों को भारत में व्यापार करने के लिए नियम कायदे बदल डाले.
३)      खेती के अनुसन्धान के नाम पर सरकारी पैसे की लूट हुई और इन्ही लुटेरों ने ऐसे विदेशी बिजो को भारत में बोने की अनुमति देदी जिनके बीजो से बने पौधे में फल ही नहीं लगते हैं, सबसे खराब बात ये है की भारत के अपने असली बीज एक साजिश के तहत गायब कर दिए गए. भारत में सिर्फ बीजो का व्यापार ही लाखो करोड रुपये का है.

४)      भारत के ही कुछ गद्दारों ने सौर ऊर्जा के कार्यक्रम को इसलिए नहीं पनपने दिया की भारत में विदेशियों की परमाणु ऊर्जा की व्यवस्था शुरू की जा सके. नासा में भारत के ३५% वैज्ञानिक है लेकिन एक साजिश के तहत इस १२१ करोड की हिंदू बहुसंख्यक राष्ट्र को हमेशा के लिए बंधक बनाकर रखने का प्रबंध किया गया और बिना पढे ही देशद्रोही समझौतों पर हस्ताक्षर किये गए जिसे आगे आने वाली पीढ़ी को भुगतना ही होगा.
५)      भारत के ५ लाख करोड के सालाना सैन्य खर्च का बहुत बड़े भाग का खरीद के नाम पर लूट होती है और ८०० के गोले ९००० हजार और २५ करोड के विमान ४०० करोड में खरीदे जाते हैं इस पर सिर्फ विशेषाधिकार और गोपनीयता का पर्दा लगा दिया गया है, बहुत शोर मचा तो अपने ही सैन्य गोदाम में आग लगा दो और इसे आतंकी घटना बना दो.
६)      
भारत में खुदाई और खनन जैसे कामो में भी ब्रिटेन की कम्पनिय लगी है जो हीरे और सोने की खदानों में पता नहीं क्या करा रही है, २६ रुपये में जान देने वाले भारत के ईमानदार मजदुर् सरकार की १० रुपये की भीख पर पलने को मजबूर हैं.
७)      यदि भारत के ही लोगो को इमानदारी से काम करने दिया जाये तो सिर्फ भारतीय खदानों से ही भारत सरकार को हर साल १५ लाख करोड रुपये मिलते रहे और भारत के लोगो को सस्ता सामान भी मिलता रहे. इसका सबसे बड़ा उदहारण है कोयला जोकि भारत की जनता को ९५०० रुपये टन में बेच जाता है और सरकार को मिलते है मात्र १०० रुपये टन. बाकि का ८५०० कहा जाता है यह आप चौथिदुनिया की रिपोर्ट में देश चुके है. सिर्फ कोयले में ही पचासों लाख करोड का घोटाला कर डाला गया और भारत को गरीब देश बताया जाता रहा है.
८)      भारत की सरकार दूसरे देशो के लिए तेल की खोज करती है अपने देश में अपने आप ही निकल रहे तेल और गैस को नहीं खोज पाती है.
९)      जो भारत अपने दम पर रॉकेट और सैटेलाईट बना लेता है, वह देश चीन के सामानों पर ८२% निर्भर है और पूरा देश विदेशी सामानों से भरा पड़ा है, भला इस स्थिति में भारत के युवाओ को नौकरी कैसे मिलेगी जिस निर्माण क्षेत्र में १५% युवा नौकरी करा रहे है, उसे भी विदेशियों के लिए खोल दिया गया है.

१०)  क्या भारत की प्रतिभा इतनी काहिल हो गयी है भारत एक भी चीज अपने से नहीं बना सकता है, चलो मान लेते हैं आविष्कार नहीं कर पाए तो नक़ल करके चीन की तरह हम अपने उत्पाद नहीं बना सकते जिसमे बीसों करोड युवाओ को रोजगार दिया जा सके.
११)  आज के दिन भारत में ५००० विदेशी कम्पनियाँ करीब २६ लाख करोड का व्यापार करके भारत से लगभग १७ लाख करोड की लूट सालाना कर रही है और भारत को बेरोजगारी का कारन बन रही है, क्योकि ये वेदेशी कम्पनिय आधे से भी ज्यादा माल अपने देश में तैयार करके लाती है और ५ गुना दामो पर भारत में बेचती हैं.

१२)  जिस थोरियम से अमेरिका कार चलने की तैयारी कर रहा है, उसी थोरियम पर अनुसन्धान कांग्रेस सरकार ने ७ साल पहले बंद करवा दिया और परमाणु ऊर्जा को लाने के लिए संसद को बेच दिया. ज्ञात हो भारत में दुनिया का ४५% प्रतिशत थोरियम रामसेतु और उसके आसपास पाया जाता है.
भारत में अनुसन्धान को बंद रखकर विदेशियों को भारत के बाज़ार में हावी करवाने का दूरगामी साजिश ६५ सालो से अभी भी जारी है. अब इससे छुटकारा पाने के लिए व्यवस्था परिवर्तन आवश्यक है.
जिसके लिए भारत स्वाभिमान अभियान को और ताकत देने की आवश्यकता है और स्वदेशी को फ़ैलाने की.
बाबाजी-मोदीजी-स्वामीजी को अपनी ताकत दीजिए..
जय भारत,
अयोध्या से संजय कुमार मौर्य  

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