कांग्रेस का दलाल है द्वारिका पीठ का शकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ---अवश्य पढ़े और सभी मंदिरों में भेजें

शुक्रवार, 13 जुलाई 2012

कांग्रेस का दलाल है द्वारिका पीठ का शकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती 

यह वोह  वियक्ति है जिसने कहा था की स्वामी रामदेव को सब कुछ छोड़ कर गंगा बचाने पर ध्यान  देना चाहिए.


ये ही गंगा माँ का हत्यारा है जो  जंतर मंतर पर नौटंकी कर रहा था  |

मित्रों, बहुत पहले उत्तराचंल के लोगो और सुंदर लाल बहुगुणा ने गंगा को बचाने के लिए आंदोलन किया था .. तब ये कांग्रेसी दलाल जो एक तरह से अग्निवेश ही है उसने कांग्रेस की दलाली करके उस आंदोलन को ये कहकर खत्म करवाया की मै गंगा को बचाने के लिए और साधू संतो को जोडूंगा .. लेकिन ये पीठ पीछे कांग्रेस की दलाली करता रहा |

ये वही शंकराचार्य है जिसने सोनिया गाँधी ने हिन्दुओ को गुलाम बनाने का काला कानून का समर्थन किया था .... एक हिंदू संत होते हुए भी ये हिन्दुओ को दोयम दर्जे का नागरिक बनाने वाले कानून के लिए सोनिया गाँधी को धन्यवाद दिया था |

असल मे कांग्रेस ने इसे हिन्दुओ के खिलाफ एक सेफ्टी वाल्व की तरह रखा है .. और ये हर मसले पर कांग्रेस के लिए दलाली करता है |

ये वही शंकराचार्य है जिसने कदमो पर दिग्विजय सिंह बैठे थे |

मित्रों, ये नरेंद्र मोदी जी के खिलाफ बोलता है .. और उस राजीव गाँधी की प्रशंसा करता है जिसने पांच हज़ार निर्दोष सिक्खो का नरसंहार करवाया |

अब इस नकली शंकराचार्य के चेहरे से नकाब उठ चूका है और उत्तराखंड के लोगो और हरिद्वार के साधू संतो के एलान किया है की इस कांग्रेसी दलाल और गंगा मैया के बलात्कारी स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती को उत्तराखंड मे घुसने नही देंगे | और पूरे उत्तराखंड मे जगह जगह इसके पुतले फुके जा रहे है |

श्रीनगर, चंबा, उत्तरकाशी और गोपेश्वर में भी पीएम व शंकराचार्य के पुतले फूंके : श्रीनगर समेत पहाड़ की अन्य पनबिजली परियोजनाओं पर काम रोके जाने के केंद्र सरकार के फैसले से गुस्साए उत्तराखंड जनमंच ने कल नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया और घंटाघर पर प्रधानमंत्री और शंकराचार्य स्वरुपानंद सरस्वती के पुतले जलाए। जनमंच के आह्वान पर चंबा, उत्तरकाशी, श्रीनगर और गोपेश्वर में भी प्रधानमंत्री और स्वरुपानंद सरस्वती के पुतले जलाए गए। उत्तराखंड जनमंच ने प्रधानमंत्री पर धार्मिक कट्टरपंथियों के सामने आत्मसमर्पण करने का आरोप लगाया है कि उत्तराखंड में बिजली और पानी के संकट के लिए केंद्र सरकार और धार्मिक कट्टरपंथियों की जमात दोषी है।


जनमंच ने ऐलान किया है कि स्वरुपानंद सरस्वती के पहाड़ में प्रवेश पर पाबंदी लगा दी गई है। इसे अमली जामा पहनाने के लिए सितंबर के अंतिम सप्ताह में पीपलकोटी में लोक संसद बुलाई जाएगी। जनमंच ने चुनौती दी है कि यदि स्वरुपानंद में हिम्मत हो तो वह सार्वजनिक घोषणा कर पहाड़ में घुसकर देख लें। उत्तराखंड जनमंच ने कहा है कि स्वरुपानंद को वह शंकराचार्य नहीं मानता । जनमंच नेताओं ने कहा कि स्वरुपानंद सरस्वती सिर्फ कांग्रेसी नेता है। लोहारीनाग पाला, पाला मनेरी, भैरोंघाटी, पीपलकोटी और श्रीनगर जल विद्युत परियोजनाओं पर रोक लगाने के केंद्र सरकार के फैसले से नाराज उत्तराखंड जनमंच कार्यकर्ताओं और छात्रों ने आज केंद्र सरकार और शंकराचार्य स्वरुपानंद सरस्वती के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए प्रधानमंत्री और शंकराचार्य का पुतला फूंका।

इससे पहले जनमंच कार्यालय पर जमा प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए उत्तराखंड जनमंच के प्रमुख महासचिव राजेन टोडरिया ने प्रधानमंत्री पर धार्मिक कट्टरपंथियों के सामने घुटने टेकने का आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों के साथ अन्याय कर रही है। उन्होंने कहा कि इस अन्याय की राजनीतिक कीमत कांग्रेस को चुकानी होगी। जनमंच नेता ने कहा कि टिहरी लोकसभा के उपचुनाव में पहाड़ की जनता कांग्रेस को सबक सिखायेगी। इस मौके पर बोलते हुए जनमंच के उपाध्यक्ष आनंद चंदोला और पीपलकोटी परियोजना बचाओ संघर्ष समिति के महासचिव राजेंद्र हटवाल ने कहा कि उत्तराखंड जनमंच भरत झुनझुनवाला और रवि चोपड़ा जैसे लोग क्षेत्रवादी और पहाड़ विरोधी हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को प्रदेश में रहने की इजाजत नहीं दी जा सकती। प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए डीएवी कालेज छात्रसंघ के महासचिव भगवती प्रसाद मैंदोली ने कहा कि रोजगार देने के बजाय केंद्र सरकार ऐसे हालात पैदा कर रही है जिससे राज्य में बेरोजगारी बढ़ेगी।

उन्होंने कहा कि युवाओं के भविष्य के साथ कोई खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होने कहा कि प्रदेश के छात्र और नौजवान पूरी तरह से उत्तराखंड जनमंच के अभियान के साथ हैं। उन्होंने आगाह किया कि यदि केंद्र ने तत्काल सभी पनबिजली परियोजनाओं पर फिर से काम शुरु कराने का फैसला नहीं किया तो राज्य में व्यापक छात्र आंदोलन छेड़ा जाएगा। उत्तराखंड महिला जनमंच की महानगर अध्यक्ष उर्मिला पंत ने कहा कि अपने बच्चों के रोजगार की रक्षा के लिए उत्तराखंड की महिलायें कोई भी बलिदान देने को तैयार हैं। सभा में जनमंच के प्रदेश उपाध्यक्ष मदन सिंह दानू, मीडिया प्रमुख शिवानंद पांडे, किशन मेहता, छात्र नेता जोगिंद्र रावत, धीरज जोशी, पंकज पटवाल, रवि राणा, सूरज चौहान, अजय बिष्ट, खुशी चांदपुरी, विजय राणा और सचिन थपलियाल, नेत्री उर्मिला पांडे समेत अनेक लोगों ने संबोधित किया।

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