भारत में २०१६ में खुदरा व्यापार ४५,००,००० करोड और ७०% ग्लोबल खरीददारी : क्या इसका मतलब भी समझते हैं, खुदरा में एफ डी आई देश के साथ धोखा है जिसे सिर्फ कांग्रेस ही कर सकती है....
गुरुवार, 26 जुलाई 2012
भारत में २०१६ में खुदरा व्यापार ४५,००,००० करोड और ७०% ग्लोबल खरीददारी : क्या इसका मतलब भी समझते हैं, खुदरा में एफ डी आई देश के साथ धोखा है जिसे सिर्फ कांग्रेस ही कर सकती है....
कोई समझे न समझे, यह मुलायम की समझ आ गया है इसलिए तो सपा खुदरा बाजार में एफ डी आई का समर्थन करने जा रही है..क्योकि भविष्य में इन्हें भी सत्ताविहीन होना है,,
१-भारत का खुदरा बाजार २०१६ में ४५ लाख करोड का हो जायेगा.
२-वालमार्ट आदि कम्पनिया कमसे कम ५०% खुदरा बाजार कब्जा कर लेंगी जो पक्का है.
३-यानि भारत में विदेशी कम्पनिय करीब २३ लाख करोड का खुदरा व्यापर करेंगी.
४-सरकार ने इनको ७० % ग्लोबल परचेज की छूट डी है यानि करीब 23 x 70% = 16 लाख करोड शुद्ध विदेशी सामान वे भारत में लाकर बेचेंगे और यह १६ लाख करोड सीधे सीधे विदेश चला जायेगा.
५- ३०% प्रतिशत माल ये लोकल उधोगो और उत्पादकों से लेगी और उसपर करीब २०% मुनाफा अपने देश भेजेगी यानि 23 x 30% x 20% = 1.38 lakh karod या कहिये की करीब डेढ़ लाख करोड और मुनाफा सीधे सीधे विदेश चला जायेगा
६- अब दोनों लूट जोडीये – १६ लाख करोड और डेढ़ लाख करोड , कुलमिलाकर १७५०००० करोड शुद्ध रूप से हर साल भारत से बाहर जाता रहेगा. यानी भारत में कंगाली की गारंटी की जा रही है. इसी वालमार्ट की वजह से अमेरिका में गरीबी आ गयी है लोग सडको पर उतर आये हैं.
७-जिस भारत देश का कुल सालाना बजट हो २० लाख करोड का हो, उस देश से हर साल साढ़े सत्रह लाख करोड हर साल विदेश जाने का दूरगामी परिणाम क्या होगा..मुलायम और अखिलेश का क्या, इनके पास तो इतना पैसा हो गया है की चाहे अन्ग्रेस्ज दुबारा भारत में राज कर ले, ये तो मजा ही करेंगे..
इसलिए भारत में खुदरा किरण में एफ डी आई का हर स्तर पर जोरदार विरोध हर भारतीय का करना चाहिए. अगर आपने २०१४ तक संभल लिया, इसके बाद ये बात आएगी ही नहीं.
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