“मिशन नो नमो” : कांग्रेस की गुप्त साजिश नरेन्द्र मोदी को बदनाम करने के लिये : कितनी सफल -कितनी विफल

गुरुवार, 26 जुलाई 2012

 "मिशन नो नमो" : कांग्रेस की गुप्त साजिश नरेन्द्र मोदी को बदनाम करने के लिये : कितनी सफल -कितनी विफल
कांग्रेस सरकार द्वारा गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को बदनाम करने के लिए " मिशन नो नमो" अभी तक तो सफल नहीं दिखता है लेकिन इसे दुबारा नयी ताकत के साथ कुछ बीजेपी बागियों के साथ नए सिरे से चलाया जा रहा है जिसके लिए नरेन्द्र मोदी का जन समर्थन अक्टूबर २०१२ तक इंतना घटने का लक्ष्य है की बीजेपी को ८० से कम सीते मिले. अभी की सर्वे में मोदी को १३५ सीट मिला रही है और कांग्रेस सरकार बनाने के लिए सोच भी नहीं सकती है.

कांग्रेस का बाटो और राज्य करो का सिद्धांत यहाँ भी लागू किया जाना है जिसके तहत बीजेपी के बागी लोगो को आर्थिक मदद देकर उन्हें ही मोदी के विरुद्ध प्रत्यक्ष रूप से लगाया जाये और मोदी को खरी खोटी वही सुनाए  जिसमे गुजरात के पटेल जातियों को विशेस् ध्यान में रखा गया है. राना-मेहता-केशु की तिकड़ी कांग्रेस के संपर्क में है और ये अगर बीजेपी के बागी के रूप में ८ प्रतिशत वोट भी काट देवे तो कांग्रेस को ११० सीट  मिल सकती है, मोदी को खतम करने के लिए कांग्रेस कोई भी दाव लगाने को तैयार है.

जब कांग्रेस ने ये जान लिया की मोदी की लोकप्रियता दंगो को उजागर करने से हिन्दुओ में बढती ही जा रही है तो कांग्रेस ने हिंदू मुस्लिम एजेंडा छोडकर मोदी को उन्ही एजेंडे विकास से घेरने की नीति बनाई है और खुद बीजेपी के बागियों से ही मोदी के विकास की हवा निकालने का प्लान बनाया गया है जिसमे भारत की बिकी हुई मिडिया पूरी तरह कांग्रेस के साथ मिलकर इसे अंजाम देगी,

मोदी एक अविवाहित और कर्मशील स्वयं सेवक है जिसे चारित्रिक रूप से फसाना असंभव है लेकिन मिडिया के लिए किसी को भी बदनाम करना आसान है. भला हो शोशल मिडिया को जो पूरी तरह मोदी के साथ और सबसे मजे की बात है की फेस बुकिये पूरी तरह कांग्रेस के खिलाफ भी है.. मुझे लगता है फेस् बुकियो के रहते मोदी को बदनाम करने की "मिशन नो नमो " सफल नहीं होगा..

मोदी कांग्रेस के निशाने पर इसलिए है की उन्हें २०१४ में गुजरात में कांग्रेस का सफाया करने के बाद केंद्र में बीजेपी की कमान लेनी है जो बीजेपी का तुरुप चाल है. कांग्रेस मोदी को गुजरात से बाहर आने से रोकना चाहती है जिसमे कुछ शीर्ष बीजेपी नेताओ, एन डी ए के कुछ लोगो  की भी मिलीभगत है, ये वही लोग हों जिन्होंने कल्याण सिंह, उमा भारती और गोविन्दाचार्य को बीजेपी से जाने के लिए साजिश रची. सोशल मिडिया में मोदी समर्थकों की संख्या को देखते हुए लगता है कांग्रेस का "मिशन नो नमो " कभी सफल नहीं होगा.

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