वस्तुतः लालू राज परिवर्तन का राज था........
शुक्रवार, 26 जून 2015
लालू का राज आया और आते ही मैंने दसवीं का इम्तिहान बिहार बोर्ड से मधुबनी के वाटसन स्कूल से पास किया, स्कूल के बाद कालेज और फिर पढ़ाई लिखाई और शब्दों का प्रेम सब लालू राज में रहा, जाति से ब्राहमण अर्थात अगड़ा वर्ग से आने के बावजूद अखबारों, टीवी, चर्चा चौक चौराहा के बहसतलब में लालू के जंगल राज और गुंडाराज से रूबरू होता रहा गरचे 1990 से 2000 तक मैंने ना गुंडाराज देखा ना जंगल राज.......
हाँ इस दौरान जो दो बातें रही उसका आकलन आज करता हूँ तो इन दोनों (गुंडाराज, जंगलराज) को समय में मिसफिट पाता हूँ, हुआ इतना जरूर कि हमारे प्रमाणपत्र पर लालू डिग्री का ठप्पा लग गया और शायद दुनियाँ में पहली बार किसी कुलपति को पद पे रहते गिरफ्तार किया गया, जी हां मोगनी साहब हमारे कुलपति हुआ करते थे और शिक्षक प्रशिक्षण प्रमाणपत्र के गोरखधंधे में गिरफ्तार हो गए थे.
ना ही मैं अपने लालू डिग्री पर शर्मिंदा हूँ और ना ही मोगनी साहेब के गिरफ्तारी से लज्जित बस उत्तर तलाश रहा हूँ कि जिस दस साल में मैंने सामाजिक बदलाव होते देखा, वंचितों को बोलते देखा, दबे कुचलों को अधिकार मिलते देखा वो जंगल राज, गुंडा राज कैसे हो सकता है !!!
वस्तुतः लालू राज परिवर्तन का राज था........
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