अफजल बोल रहा हूँ
शनिवार, 13 दिसंबर 2008
मैं अफजल बोल रहा हूँ जब तक सूबे में कांग्रेस की सरकार है तबतक मुझे किसी का बाप भी फांसी नहीं दे सकता मुझे फांसी आडवानी
के प्रधान मंत्री बनने के बाद ही दिया जा सकता कुछ फंडू सेकुलर लोग नाराज हो रहे होंगे की मैं ये क्या फासीवादी लेख लिख रहा हूँ
पर जनाब आप को मालूम हो ये मैं नहीं ख़ुद अफजल कह रहा है ये उसी का बयान है
आप इसी से अंदाजा लगा सकते हैं की आतंकवादीयों की हमारे जंग लगे नेताओं के बारे में क्या सोच है
जब पीएम मुम्बई पर हमले के बाद हजारवी बार अपना घिसा पिटा बयान दे रहे थे तो पता नहीं क्यों रह रह के मुझे महाभारत के शिखंडी याद आ रहे थे
कल तेरह दिसम्बर को मैंने देखा संसद हमले के सहीदों के परिवार वाले गैस या नौकरी नहीं बल्कि अफजल की फासी मांग रहे थे
अगर हमारी मौगी सरकार यह नहीं कर सकती तथा तथा कथित सेकुलर मीडिया को हम बहुसंख्यक लोगों का दर्द सुनाई नहीं देता तो सावधान
तुमलोग जिस हिन्दू आतंकवाद को सिद्ध कराने की कोसिस कर रहे हो कहीं वह सच ना हो जाए
सीधी सी बात है अगर उनके जिंदा रहने से हम मर रहें हैं तो बेहतर है की वो ही मर जाएँ
2 टिप्पणियाँ:
भाई,आपको शिखंडी याद आए तो मुझे अजीब लगा क्योंकि मैने तो पढ़ा है कि वह एक बहुत ही बहादुर महारथी था और कुटिल तो हरगिज नहीं था लेकिन ये लोग तो कुटिल भी हैं और षंढ भी......
जय जय भड़ास
आप यकीन मानिये कि अफ़जल सफ़ेद झूठ बोल रहा है क्योंकि फांसी तो उसे आडवाणी भी नहीं देगें क्योंकि ये सारे ही तो मक्कारी में एक से बढ़ कर एक हैं क्या इन लोगों ने राम मंदिर के बनाने के लिये विधेयक लाने की पहल भी करी थी????
जय जय भड़ास
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