क्रांतिकारी मनीष राज का पुनर्जन्म !!!!
शनिवार, 10 जनवरी 2009
भडास की क्रांति के दिनों का भगत सिंह यानी की मनीष राज जिसे जबरदस्ती शहीद कर दिया गया था वापस अपने तेवर और तेज तर्रार छवि के साथ ब्लॉग जगत में वापस आ गया हैं। लोग भूले नही होंगे जब छोटे से गाव का ये छोरा गाँव की राजनीति के ख़िलाफ़ आवाज उठा कर, लोगों के सुख दुःख में शामिल होकर भड़ास की पहचान आम जनों के बीच ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी जहा से भडास सच्चे अर्थों में आम जन का मंच बना था, ने भड़ास के दिल को वापस धड़काने के लिए हमारे बीच शामिल हो गया है।
परिचय सिर्फ़ इतना की बिहार के अति पिछडे बेगुसराय जिले का रहने वाला मनीष बाकायदा ब्लॉग जगत का जन माना नाम है, और ब्लॉग की सार्थकता अपने ब्लॉग "अक्षरजीवी" के माध्यम से युवाओं को एकजुट कर ग्रामीण भारत को इन्टरनेट के माध्यम से देश और दुनिया की पहचान करवाने में अग्रणी भूमिका निभा रहा है संग ही स्थानीय बेगुसराय पुलिस को भी ब्लॉग का प्लेटफोर्म मुहैया कराया जिसके माध्यम से आम जन सीधे पुलिस कप्तान से संपर्क कर अपनी व्यथा बयान कर सकें।
हम भडासी मनीष राज का स्वागत करते हैं, और भड़ास की आत्मा अपने पुत्र को आँचल में लेता है।
जय जय भड़ास
3 टिप्पणियाँ:
तहेदिल से स्वागत है इस नये अवतार में मनीष भाई का......
एक बार फिर से गांव-देहात से,गलियों-चौबारों से,छात्रों-ग्रामीण विद्यालयों के अध्यापक वर्ग के दबाए हुए गले से हमारा क्रांतिघोष गूंज उठेगा....
जय जय भड़ास
अरे वाह ये तो गुड्स हो गया....क्योंकि एक बार गुड से मजा नहीं आ रहा था,अब ठीक है वरना इनके बिना कुछ खाली-खाली सा लग रहा था....अब होने दीजिये धूम...धड़ाम...धांय...धांय... पर प्लीज मादर-फ़ादर नक्को बाबा.... अब हम लोग गालियों को दवा की तरह इस्तेमाल करेंगे जैसे जज आनंद सिंह साहब के प्रकरण में हुआ था
जय जय भड़ास
मनीश राज जी भडास मे स्वागत है आपका।
जय जय भडास
एक टिप्पणी भेजें