मुखौटेवाला बनिया भड़ासियों से पीछा छुड़ाने कि लिए साम्प्रदायिकता का जहर फैलवा रहा है
शुक्रवार, 23 जनवरी 2009
भड़ासियों आप इतने भोले हैं कि बनिये की चालाकी को समझ नहीं पाये जबकि मैं ऐसे कमीनों की एक-एक नस समझता हूं। ऐसे ही लोग थे मुझे आपराधिक जीवन में ढकेल कर अपने काम साधने वाले क्योंकि इनमें खुद में न तो हिम्मत होती है और न ही ताकत तो ये किसी दूसरे से अपने काम करवा लेने में माहिर होते हैं। भड़ासी होने का मुखौटा लगाए बनिये ने भी सक्सेस मंत्रा नामक ब्लागर का इस्तेमाल करा ताकि भड़ासी साम्प्रदायिकता की आग बुझाने में उलझे रहें और वो धनिया की जगह घोड़े की लीद बेचता रहे। बड़ा शातिर है ये बनिया जिसने भड़ास तक को बेच लिया है और ये सक्सेस मंत्रा या तो उसके ही पिट्ठू हैं या उसके द्वारा भावना में फंस कर इस्तेमाल हो रहे हैं।
जय जय भड़ास
3 टिप्पणियाँ:
आप सही कह रहे हैं मुझे भी इस बात का एहसास हुआ है कि मुखौटाधारी बनियेराम इस बंदे की भावनाओं का इस्तेमाल हमें भरमाने के लिये कर रहे हैं ताकि हम उसकी बखिया उधेड़ना छोड कर इसमें उलझ जाएं।
जय जय भड़ास
तोलू लोगों से घिर गया है बनिया...बौखला गया है बनिया...भाट और चारणों ने घेर लिया है बनिये को...महानता का राग अलाप कर आशीर्वाद दे रहा है बनिया....भड़ास को बेच न पाया बनिया... हम लोगों ने भड़ास को पुनर्जन्म दे दिया तो पगला गया है बनिया....
जय जय भड़ास
जाने दीजिये वो हमारा अंदाज किसी भी तरह से बदल नहीं सकता है ये उसे भी खूब अच्छे से पता है।
जय जय भड़ास
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