किसी और की लिखी शायरी न जाने क्यो मुझे लग गई
गुरुवार, 12 फ़रवरी 2009
१
मेरी किस्मत मे गम गर इतने थे ,
दिल भी या रब कई दिए होते !!!
2
dard batane say ab darr lagta hai ,
mere gamo ka usnane falsafa bana diya
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मेरी किस्मत मे गम गर इतने थे ,
दिल भी या रब कई दिए होते !!!
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dard batane say ab darr lagta hai ,
mere gamo ka usnane falsafa bana diya
© भड़ास भड़ासीजन के द्वारा जय जय भड़ास२००८
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1 टिप्पणियाँ:
अरे मेरा भाई तो इतनी गम्भीर शायरी भी चुरा लाता है मजाक मजाक में कि हंसी नहीं आ रही...
अमित भाई ऐसा सामान मत चुराया करिये जो आपके मुस्कराते होंठो पर गम्भीरता का पेंट लगा दे
जय जय भड़ास
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