हमारे बुजुर्ग - तुम्हिं हो मेरा श्रंगार प्रीतम तुम्हारी रस्ते की धूल ले कर
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हमारे बुजुर्ग - तुम्हिं हो मेरा श्रंगार प्रीतम तुम्हारी रस्ते की धूल ले कर
18 घंटे पहले
 
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© भड़ास भड़ासीजन के द्वारा जय जय भड़ास२००८
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6 टिप्पणियाँ:
अरे दीवानो मुझे पह्चानो कहां से आया मै हूं कौन???????
जय जय भड़ास
Rajiv Gandhi
अमिताभ बच्चन!!
क्या बात है तुंरत पहचान लिया आप सभी को फिल्मी ज्ञान मे डिप्लोमा प्रदान किया जाता है ......:)
पता नहीं ये बात गर्व की है या शर्म की.... हम भांड-मिरासियों और नचनिया-गवैया को झट से पहचान लेते हैं लेकिन अपने सही नायकों को नहीं पहचानते.... टिप्पणी तक लिखने में बचते हैं
जय जय भड़ास
भैया,
जे ही तो पत्रकारिता है, कोई भी माँ की आँख, भैन दे टक्के ने जज साहब को नही पहिचाना, देखिये इस भांड पहचानने को पहचानने के लिए कैसे कैसे उछल रिये हैं.
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