कांटे, कंकड़ और गड्ढों से भरे नैतिक मार्ग को नहीं छोड़ूंगा
बुधवार, 18 मार्च 2009
आप सभी भड़ासी जानते हैं कि मेरे जैसा प्राणी कई दिनों से भड़ास के इस प्रिय पन्ने से गुम क्यों था, कुछ "भले" लोगों ने मुफ़्त की सलाह दी , महाराज ! आप दूसरा कनेक्शन क्यों नहीं ले लेते इसी सड़े हुए सरकारी MTNL के लिये क्यों जान दिये दे रहे हो आदि....आदि ....इत्यादि....। लेकिन ’भड़ास शक्ति’ को दिल में समेटे हम जीवन की कांटों, कंकड़ों और गड्ढों से भरी डगर पर चल निकले हैं अब वापसी संभव नहीं है। शायद MTNL ने नयी ग्राहक नीति बनायी होगी कि पुराने ग्राहकों को इतना सताओ कि ससुरे अपने आप खिसिया कर रो पीट कर दूसरा कनेक्शन ले लेंगे लेकिन हम कांटे कंकड़ हटाएंगे और गड्ढों को भरते हुए चलने की कसम खाए जी रहे हैं तो "हम बदलेंगे-युग बदलेगा" की तर्ज़ पर बदलाव लाने का प्रयास कर रहे हैं। अब बहुत हुआ जाति-धर्म-भाषा और क्षेत्र का चूतियापा....... जो साठ सालों में नहीं हो पाया है उसकी शुरूआत हमने भड़ास के मंच से कर दी है। भ्रष्ट अधिकारियों को बाध्य करेंगे कि वो जिस बात के लिये वेतन लेते हैं उसे करें, सामान्य नागरिक अपने अधिकारों के लिये सरकारी विभागों में चप्पलें चटकाता अपनी उम्र न बिता दे। इसलिये मेरी सारी मुंबई की भड़ास टीम व सारे भड़ासियों से निवेदन है कि जैसा दबाव पैदा करा है उसे जीवंत रखे ताकि लापरवाह अधिकारी फिर अपने ढर्रे पर वापस न चले जाएं। हम सबने लिखना बंद कर इन लीचड़ों को कोई ऐसा दिन नहीं रहा जब कस कर रगेदा न हो..... यही है यारों भड़ास का इस पन्ने से बाहर अस्तित्व। सभी भड़ासियों को इस मुहिम में सहयोग करने के लिये सफलता की हार्दिक शुभेच्छाएं.......
जय जय भड़ास
4 टिप्पणियाँ:
lage rahiye ham aapake saath hai
bilkul sahi rasta hai ye dr shahab ..:)
जय हो भड़ास की,
जय गांधीगिरी की.
जय जय भड़ास
ham bhadasi,
karenge gandhigiri
bharast bahuon ko
sikhayenge imandari...
jai bhadas jai jai bhadas
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