मुफ़्त प्रचार का माध्यम हैं मुंबई की लोकल ट्रेन

गुरुवार, 12 मार्च 2009



लोकल ट्रेन के प्रथम श्रेणी के डिब्बे पर चिपके इन मुफ़्त प्रचारों को देखिये जरा.......
मुंबई की लोकल ट्रेन किसी भी किस्म के प्रचार का एक सहज सुलभ मुफ़्त माध्यम हैं जिसे कि धड़ल्ले से इस्तेमाल करा जाता है। गुमशुदा की सूचना हो या फिर औरतों की घर पर आकर "मालिश" करने वाले ’प्रोफ़ेशनल’ आदमियों के प्रचार, धर्मगुरू बापू या अम्मा का कार्यक्रम, शादी-ब्याह कराने वालों का प्रचार, बवासीर-भगंदर का इलाज करने वाले हकीमों के प्रचार....; सब आपको लोकल ट्रेन में कोच्स के अंदर-बाहर लगे हुए मिल जाएंगे। ये रेल विभाग की सहिष्णुता है जो कि कभी इन मुफ़्तखोरों के खिलाफ़ कोई कानूनी कार्यवाही नहीं करती।
जय जय भड़ास

3 टिप्पणियाँ:

मनोज द्विवेदी ने कहा…

JO CHIJ SARKARI HAI. WAH CHIJ HAMARI HAI...KI TARZ PAR YE SARA GUDGOBAR KIYA JA RAHA. SARKAR BHI ANKH BAND KARKE YE SAB DEKH RAHI HAI..LOGON AUR SARKAR KI NAZAR ME YE BAHUT CHHOTA MUDDA HAI..LEKIN DUNIYA ME ISKA BAHUT BADA IMPACT PADTA HAI. JAMINI MUDDA UTHANE KE LIYE AP BADHAI KI PATRA HAI.

बेनामी ने कहा…

भूमिका,
आपका रेल से जुदा हुआ भड़ास अभियान सराहनीय है.
लगी रहिये.
जय जय भड़ास

बेनामी ने कहा…

Mr.Dwivedi or Mr.Jha ko main Kuch batteien samjhana aur samjhana chahta hoon..
Samajhana Yeh hai... Ki Jamini mudde pe apni "tippni" pesh karni hai... Toh.. Azad maidan aur shivaji park bhi hai... Phir is blog par Kyun .. lok jagran ke kayi aur manch bhi uplabdh hain!

Samajhna Yeh hai... Ki" samaj prabodhan" lalu or Nitish ke jamane mein kyun nahi Yaad aaya ?? ...

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