गर्मी में लू और राजनीति में लालू
शुक्रवार, 24 अप्रैल 2009
गर्मी में लू और राजनीति में लालू
के चर्चे हर जगह आम हैं
आखिर गर्माहट बनाए रखना और
नाक में दम करना दोनों का काम है
लू लग जाए, तो अच्छे-अच्छों को तोड़ दे
और लालू शुरू हो जाएं, तो सबके भांडे फोड़ दे
लालू जैसा, जनता के करीब कोई नहीं है
सच मानिए तो राजनीति में लालू जैसा गरीब कोई नहीं है
यह उनके चुनाव चिन्ह से ही नजर आता है
सोनिया के पास पंजा, माया के पास हाथी
अडवानी को कमल सुहाता है
और कोई जनता को लूटने साइकिल पर जाता है
लेकिन अपने लालू को 21वीं सदी में भी
लालटेन ही पसंद आता है
दुनिया में हर कोई दौलत पर मंडराता है
और अपने लालू का काम चारे से ही चल जाता है
सोम से बुध से शनि से न राहू से
लालू को चिंता और डर न काहू से
सीएम तो बन गए और बस पीएम बनने की इच्छा है
इस बार इलेक्शन में उनकी कड़ी परीक्षा है
देखते हैं लालू के लालटेन की रोशनी
कहां तक जाएगी
या घांसलेट (मिट्टी के तेल) की कमी से
लालटेन बुझ जाएगी
शिवेश श्रीवास्तव, पत्रकार, लेखक, काटूर्निस्ट
3 टिप्पणियाँ:
शिवेश भाई आप और हम जानते हैं कि लालू ने बिहार में रिसर्च और डेवलपमेंट को कितना बढ़ावा दिया है तो आपकी जानकारी के लिये बता दूं कि उन्होंने चारे से बनाए जाने वाले बायो-डीजल का अविष्कार करवा लिया है और वे लालटेन को उसी से जलाएंगे।
धांसू पोस्ट है
जय जय भड़ास
@ GURUJI...ABHI ABHI KHABAR MILI HAI KI LALU JI KE LALTEN KA BIO-DEISEL KHATM HO GAYA HAI..MASLAN YE LALTEN BUJHANE WALI HAI..AB SHAYAD LALUJI RAIL KI BOGIYON NIKALE HUE TEL SE KAM CHALANE WALE HAIN...
@ SHIVESH JI JABARDUST POST LIKHI HAI..KAFI KUCHH SAF NAZAR A RAHA HAI
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