वेबपेज से निकल कर संबंध साकार होते हैं भड़ास पर....यही जिंदगी है।

बुधवार, 29 अप्रैल 2009

बांए से दांए: डा.रूपेश श्रीवास्तव, श्री रजनीश के.झा, मनीषा नारायण एवं स्वयं मैं दिव्या रूपेश

अग्नि भइया आपके द्वारा डाली गई पोस्ट में चित्र में देखिये मैं भी हूं रजनीश मामा और अपने पिताजी डा.रूपेश जी के साथ नई मुंबई के वाशी रेलवे स्टेशन पर, पहचाना या नहीं?मैंने रजनीश मामा जी को बताया था कि मैं दिल्ली की रहने वाली हूं लेकिन वक्त के थपेड़े पता नहीं कहां कहां ले जाते हैं। आपने अच्छा करा जो यादों को फिर ताजगी में वापस ले आए। भड़ास का मंच ही है जिसने हम सबको आफ़लाइन और आनलाइन इतनी मजबूती से जोड़ रखा है। भड़ास बस दिमागी किच किच नहीं रह गया बल्कि एक मजबूत सामाजिक सरोकार का प्लेट्फ़ार्म बन चुका है। परिवार का विस्तार धीरे धीरे होता जा रहा है जैसे लोग समझेंगे कि भड़ास मात्र एक वेबपेज नहीं है बल्कि जिंदगी जीने का एक बेहतर तरीका है तो जुड़ते ही जाएंगे। अभी भी लोग भड़ास की कुछ विशेषताओं के कारण टिप्पणी तक करने में हिचकिचाते हैं। जिस दिन वे खुद ईमानदार हो सकेंगे सारी हिचक समाप्त हो जाएगी। रजनीश मामा जी और मेरे पिताजी डा.रूपेश श्रीवास्तव भड़ास का संचालन जिस तरह कर रहे हैं यकीन मानिये कि ये दोनो हाथों में जलते सुलगते अंगारे लेकर चलने जैसा है कि मुस्कराते रहो और दूसरों को अपना बना कर खुशियां बांटते चलो।
जय जय भड़ास

0 टिप्पणियाँ:

प्रकाशित सभी सामग्री के विषय में किसी भी कार्यवाही हेतु संचालक का सीधा उत्तरदायित्त्व नही है अपितु लेखक उत्तरदायी है। आलेख की विषयवस्तु से संचालक की सहमति/सम्मति अनिवार्य नहीं है। कोई भी अश्लील, अनैतिक, असामाजिक,राष्ट्रविरोधी तथा असंवैधानिक सामग्री यदि प्रकाशित करी जाती है तो वह प्रकाशन के 24 घंटे के भीतर हटा दी जाएगी व लेखक सदस्यता समाप्त कर दी जाएगी। यदि आगंतुक कोई आपत्तिजनक सामग्री पाते हैं तो तत्काल संचालक को सूचित करें - rajneesh.newmedia@gmail.com अथवा आप हमें ऊपर दिए गये ब्लॉग के पते bharhaas.bhadas@blogger.com पर भी ई-मेल कर सकते हैं।
eXTReMe Tracker

  © भड़ास भड़ासीजन के द्वारा जय जय भड़ास२००८

Back to TOP