धार्मिक ठेकेदारों की एक और दास्ताँ.(अतीत के पन्ने से........)

सोमवार, 11 मई 2009

कल दिल्ली से प्रकाशित टाइम्स ऑफ़ इंडिया पढ़ रहा था, लीड में हीं धर्म के नाम पर मानवता को कलंकित करने की रपट पढ़ी और पढ़ते पढ़ते जेहन में बस एक ही खयालात की अभी कुछ दिनों से भड़ास पर संडास करते ऐसे ही लोग है जिस से मानवता तार तार हो रही है।ख़बर के मुताबिक,



.........धर्म परिवर्तित लोगों के साथ जबरिया कर के उन्हें वापस हिंदू धर्म में आने को कहा गया और एसा ना करने पर मार डालने की धमकी भी। कंधमाल में घटित इस घटना पर नजर डालें तो आतंकी हिन्दुओं का समूह नौगाम नमक गाव में आ कर लोगों को जबरिया ईसाई से हिंदू धर्म परिवर्तन के लिए धमकाते हैं और एसा ना करने पर जान से मारने की धमकी, गरचे बहुत से लोग यहाँ से विस्थापित हो चुके हैं ।



महीने भर पुरानी घटना है प्रिगदा में ४०० लोगों के समूह ने लूटपाट , घर जलना और आतंक का जोर मचाया था। आतंकियों ने ग्रामीणों को जबरिया गाय का गोबर और मूत्र पीने पर मजबूर किया और घसीटते हुए बगल के मन्दिर में ले गए जहाँ धमकाते हुए बालों का मुंडन कर हिंदू बनाने के कार्य को अंजाम दिया। धमकी ऐसी की हिंदू बनो या मरने के लिए तैयार हो जाओ।



कलंकित मानवता, जिम्मेदार कौनउपद्रवी या पुरा हिंदू समाज ?




जबकि धर्म का उन्माद फैलाने वाला कोई भी संगठन इसकी जिम्मेदारी लेने को तैयार नही हुआ।



इनके वापस पुनर्वास पर प्रशाशन की चुप्पी भी रहस्यमयी है। ख़बर कोविस्तार से जानने के लिए टाईम्स ऑफ़ इंडिया का सोमवार का संस्करण पढ़ें।

1 टिप्पणियाँ:

मुनव्वर सुल्ताना Munawwar Sultana منور سلطانہ ने कहा…

धर्म के इस विद्रूप नाटक का विरोध हर हिंदू को करना चाहिये साथ ही हर मुस्लिम को भी चाहिये कि मजहबी बातों के आधार पर जो कमीनापन व्याप गया है उसे मुल्क की तरक्की के लिये रोकें, ईसाइयों और अन्य पंथ के लोग भी यदि भारतीयता से ऊपर मानते हैं ईश्वर को तो ये बात कम से कम मुझे तो नापसंद है,मेरा मुल्क मेरे ईश्वर से अधिक महत्त्वपूर्ण है मेरे लिये....
जय जय भड़ास

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