भड़ास फ़ैन क्लब/एग्जास्ट फैन क्लब/कूलर क्लब/ए.सी. क्लब में मैं कहां रहूंगी? (अतीत के पन्ने से......)
शुक्रवार, 1 मई 2009
भड़ासी बाईयों और भाईयों, जब किसी साम्राज्य का विस्तार हो जाता है तो उसमें फटाव आने लगता है और अलग-अलग विचार धाराएं पैदा होने लगती हैं। ठीक वैसा ही भड़ास के साथ हो रहा है। पहले यहां सब भड़ासी मात्र हुआ करते थे अब इनमें भी श्रेणियां बनने लगी हैं। कुछ सक्रिय, कुछ निष्क्रिय, कुछ अक्रिय लेकिन भड़ासी तो सभी हैं क्योंकि जो कभी एकाध बार गलती से इधर मुंह मार लिये होंगे। अब भड़ास में फ़ैन क्लब बना है यानि कि जो फैन हैं वही भड़ासी हैं बाकी सब जो हैं नाम के भड़ासी हैं लेकिन उनकी सदस्यता अक्रियता या निष्क्रियता के आधार पर समाप्त करी तो गिनती के मुश्किल से पचास ही बचें शायद। मैं एक भविष्यवाणी कर रही हूं कि आने वाले समय में इस क्लब में कई विभाजन हो जाएंगे जैसे कि अभी कुछ लोग फैन हैं उनमें से जो ज्यादा सक्रिय होंगे उन्हें "एग्जास्ट फैन" कहा जाएगा, जो इनकी अपेक्षा अधिक सक्रिय होंगे उन्हें "कूलर" और जो कूलरॊं से ज्यादा सक्रिय होंगे उन्हें "ए.सी" की श्रेणी में रखा जाएगा।
1 टिप्पणियाँ:
अग्नि बेटा! यशवंत सिंह छाती पीट पीट कर तुम्हें गरिया रहा होगा भटियारिनों की तरह। अब कोई ससुरा हिंदी का ब्लागर न ही कोई चिरकुटहा टिप्पणीकार ये कह रहा है कि भड़ास पर लगातार चोरी की पोस्ट प्रकाशित हो रही हैं, पाखंडी हैं सब हरकीरत हकीर वाले प्रकरण में कैसे लार टपकाते सारे के सारे पहुंच गये थे अब किसी में सच का सामना करने की ताकत हो तो बोलेगा न...साले रीढ़विहीन केंचुए
जय जय भड़ास
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