अमित भाई! ये क्या गज़ब कर रहे हैं आप तो वाकहिंसा पर उतारू हो गए

शुक्रवार, 19 जून 2009

अमित भाई! ये क्या गज़ब कर रहे हैं आप तो वाकहिंसा पर उतारू हो गए और हो सकता है कि अगर अनूप मंडल के लोग सामने आ जाएं तो आप इन्हें जुतिया भी देंगे। क्या हुआ जैन धर्म की सीमा के पार हो गयी बात या ये आपकी निजी सहन शक्ति से बाहर की बात है जो आप भी "शठे शाठ्यम समाचरेत" पर यकीन करने लगे। दूसरी बात कि मैं जाति से चमार हूं और मेरे बाप-दादा और पुरखे क्या करते थे आप जानते हैं लेकिन अब लोकतंत्र है तो पुस्तैनी काम की सलाह देना अपनी निजी खीझ निकालने का रास्ता मत बनाइये। तीसरी बात जो शायद अत्यधिक परेशान कर रही है कि आपने सारी बात को अलग दिशा में मोड़ने का अत्यंत कुटिल(या हो सकता है निराश होकर नादानी भरा) प्रयास करा है कि सारी बात को मुसलमानों की तरफ मोड़ दिया कि अबदुल्ला या सुलेमान या रहमान को गाली दो तब पता चलेगा कि वो तुम्हारी अगाड़ी-पिछाड़ी सब फाड़ देंगे। आप के इस बयान से अनूप मंडल पर क्या फ़र्क पड़ेगा ये तो भगवान जाने लेकिन गैर-मुस्लिमों पर ये प्रभाव जरूर पड़ेगा कि जैन हिंसक नहीं होते पर मुस्लिम अवश्य ही हिंसक और क्रूर होते हैं जो हर बात का फैसला तलवार या बंदूक से कर लेने में यकीन रखते हैं। क्या आप इस विवाद को जानबूझ कर हिंदू-मुस्लिम का रंग दे रहे हैं या कोई अन्य वजह है? आपने सिख,बौद्ध,क्रिश्चियन या पारसियों का जिक्र क्यों नहीं करा? क्या इन सबमें अपने धर्म के प्रति संवेदनशीलता की कमी है या आपका नज़रिया सिर्फ़ मुस्लिमों के प्रति ही ऐसा है? महावीर सेमलानी साहब जिनसे कि ये मसला शुरू हुआ था वो तो मैदान छोड़ कर निकल लिये और आपको सलाहें देकर जुझा रहे हैं कि अमित पुरानी पोस्ट जिसमें कार्टून बनाए थे हटा क्यों दी? मुझे तो ये महावीर सेमलानी एक नंबर का ढकोसलेबाज जान पड़ता है। एक पोस्ट में भूतपूर्व राष्ट्रपति के साथ बाबाजी की तस्वीर दिखा कर इंप्रेशन झाड़ने की शुरूआत करी तो हमारे किसी भड़ासी ने भूतपूर्व राष्ट्रपति की ही चंपी कर डाली, उस दिन से आदमी मुंह काला करके भागा तो फिर न दिखा भड़ास पर हम गंदे-बुरे लोगों के बीच। अगर सचमुच ईमानदार है आपकी तरह तो सामने आये और आपको बताए कि अमित भाई आप धर्मविवेचना मत करिये ये हमारा ठेका है जबकि आप कह चुके हैं कि आप धर्म की गूढ़ताओं के जानकार नहीं हैं। यदि अनूप मंडल अनर्गल बातें कर रहा है तो उस विमर्श को इस वैश्विक मंच पर लाकर दुनिया के सामने उनकी बुराइयों को तार्किक तरीके से सामने लाया जा सकता है। आप कह सकते हैं कि कुतर्क का उत्तर तर्क से कैसे दिया जाए तो भाई यही बात तो अनूप मंडल की खामियां सामने लायेगी न? न कि आप भी चल पड़े उसी राह पर.........। मेरी हर बात का शब्दशः उत्तर देने का प्रयास करियेगा।
जय जय भड़ास

6 टिप्पणियाँ:

मनोज द्विवेदी ने कहा…

SACHMUCH AMIT BHAI!! AAP TO JOKPIDIA SE THOK-PITAI PAR UTARU HO GAYE HAI.KHAIR YE APKA APNA HISAB-KITAB SAHI KARNE KA TARIKA HOGA. VAISE AJKAL HAIN KAHAN? BHAI DILLI ME HAIN TO KABHI MILNE KA MOUKA DIJIYE..

mukesh kumar jha ने कहा…

are bhai deenbandu aap ne amit bhai ki sirf ek baat ko pakad liya hai , ho sakta hai apne aawesh ko vo na chipa paye par , un hone apni 3 post may aap kay sawalo ka jawab pahle hi de diya hai , or bhai mujhe kahi bhi chamar sabd nahi dikai diya hai , aap ne kha padha hai ye to bataoo .jo जाति से चमार ko पुस्तैनी काम की सलाह kha di hai ? ye kisi post may nahi dikha .

दीनबन्धु ने कहा…

आदरणीय और फादरणीय जनों!क्या मैंने ये कहीं भी लिखा है कि अमित ने चमार शब्द प्रयोग करा है,ये तो मैंने खुद अपने लिये करा है; मैंने तो बस पुश्तैनी काम पर लगे रहने की बात पर असहमति जताई थी ये आप क्यों शाहरुख खान बनाए दे रहे हैं हमको। जरा हमको भी बता दीजिये कि हम कहीं ये लिखे हैं कि अमित भाई किसी चमार नाई या भंगी को पुश्तैनी काम करने की सलाह दे रहे हैं। बिना काम के ही बात के पैजामें का नाड़ा मत खींचो भाई....
जय जय भड़ास

dr amit jain ने कहा…

बात पजामे पर आ गई है ............:)

dr amit jain ने कहा…

मनोज भाई मै लडाई कभी नहीं करुगा , सिर्फ आप भाई लोगो के साथ यहाँ भड़ास के मंच पर अपनी बात रखने की गुस्ताखी जरूर करूगा , इसे आप मेरे मान की वैचारिक उलटी भी कह सकते है , आप अपना मोबाइल नंबर दे दे मै आप से संपर्क जरूर करूगा

बेनामी ने कहा…

जय जय भड़ास,
लगे रहिये बंधुवर, उलटी करने में कमी ना आये मगर वो उल्टियां भी मानवता के काम आये.
जय जय भड़ास

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