खुल गया रहस्य बेनामी कमेंट के बिना अनुमति प्रकाशित हो जाने का
गुरुवार, 27 अगस्त 2009
ये रहा वो माताजी को लेकर दी गयी गाली भरा बेनामी कमेंट जो कि आदरणीय संचालकों की अनुमति के बिना ही सीधे प्रकाशित हो गया है जिससे कि भड़ास की भरपूर बदनामी हो( गाली को रंग से दबा दिया है)
ये रहा वह तकनीकी राक्षसी तरीका जिससे कि ऐसा करा जा सकता हैऔर हमारे भाईयों ने समझ कर इस राक्षसी षडयंत्र को सबके सामने लाया है।
लीजिये आपके सामने प्रस्तुत है हमारे द्वारा करा परीक्षण के दौरान बेनामी कमेंट और हमने राक्षसों के इस षडयंत्र को आप सबके आशीर्वाद से सामने ला पाया। अब संचालकों को अधिक सजग रहना होगा।
लीजिये खुल गया रहस्य बेनामी कमेंट के बिना अनुमति प्रकाशित हो जाने का। जैसा कि पिछली पोस्ट में बताया गया है कि उस बेनामी कमेंट को न तो हमारे आदरणीय़ संचालकों ने प्रकाशित करा है और न ही इस तरह की माता बहनों को लेकर दी गयी गालियों के अभद्र भाषा के कमेंट्स का भड़ास पर कोई स्थान है। लीजिये इस कुत्सित हरकत का रहस्य खुल गया है जो कि आप सबके समक्ष रखा जा रहा है बाकी फैसला आप सब करेंगे। यदि आप भड़ास के सदस्य हैं तो पहले आप अपने एकाउंट में साइन इन करिये और फिर उसी खाते से चित्र में बताए तरीके से बेनामी कमेंट कर दीजिये संचालको के माडरेशन से गुजरे बिना ही ये बेनामी कमेंट सीधे आपके सदस्य होने के कारण प्रकाशित हो जाएगा और लांछन संचालकों पर आ जाएगा कि मां की गाली वाला बेनामी कमेंट प्रकाशित कर दिया जिससे भड़ास की बदनामी होगी। आशा है कि आप सब इस राक्षसी हरकत को समझ पा रहे हैं कि इसके पीछे कौन है। हम चित्र में आपको उदाहरण दिखा रहे हैं। अब राक्षसों को भड़ास पर बने रहने देना आप आदरणीय़ संचालकों के लोकतांत्रिक विवेक के ऊपर है। हमने अपना उत्तरदायित्व और भड़ास के प्रति समर्पण निभाया है। जय नकलंक देव
जय जय भड़ास
1 टिप्पणियाँ:
भाई आप लोग सत्य कह रहे हैं कि ये किसी सदस्य द्वारा ही करा जा सकता है लेकिन जैसा कि आप जानते हैं कि हम भड़ास से किसी की सदस्यता ऐसे ही समाप्त नहीं करते वह भले कितना भी बुरा क्यों न हो बल्कि विचार विमर्श करते हैं। यदि विमर्श से न माने तो उसे यहीं बांध कर तब तक रगेदते हैं जब तक कि वह खुद ही दुम दबा कर न भाग जाए या सुधर जाए। ऐसा एक बार एक प्रशांत नाम के बंदे के साथ हो चुका है। हमने उसे नहीं भगाया बल्कि जब उसके पास उसकी बेवकूफ़ी भड़ासियों के आग्नेय विचारों के आगे न चली तो खुद ही सदस्यता समाप्त करके भाग गया। गुफ़रान भाई ने उस विमर्श में खुल कर हिस्सा लिया था। हम इस मामले में भीऐसा ही करेंगे जिसे जो धूर्तता और कुटिलता करनी है करले हमारे पास इस कमीनेपन का कड़ा उत्तर हमारी निष्कपटता और सादगी है। यही हमारी ताकत है जो दिन ब दिन बढ़ती जाएगी। आप अपना काम करते रहें। सत्यमेव जयते का विश्वास साथ रखिये।
फोन द्वारा तत्काल सूचित करने के लिये आभार....
जय जय भड़ास
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