कितनी स्त्रियां स्वेच्छा से पति को दूसरी शादी की अनुमति देती हैं?
सोमवार, 14 दिसंबर 2009
आज मेरी बिटिया हुमा नाज़ ने मुझसे ये सवाल खाने की टेबल पर एक सहज बातचीत में करा। मैं उस समय से लेकर अब तक यही सोच रहा हूं कि बच्ची ने जो प्रश्न करा है उसका उत्तर कम से कम मैं तो शायद न दे सकूं पर किसी अन्य के पास हो इसलिये पिता-पुत्री की आपस की बात को आप सब के साथ बांट रहा हूं। क्या परिस्थितियां होती होंगी जब किसी पुरुष को दूसरी शादी की जरूरत पड़ती होगी, इस सामाजिक प्रश्न का एक उत्तर यही है कि जब पत्नी संतान उत्पंन करने में अक्षम हो तो शायद अपनी कमी को महसूस करके मन न होते हुए भी सामाजिक परंपराओं के दबाव में वंश चलाने आदि जैसे बातों से सहमति रख कर ऐसा कह सकती है। किन्तु पत्नी पूर्णतया शारीरिक मानसिक तौर पर स्वस्थ है और आचरण में भी कोई विकार नहीं है तो फिर क्या कारण हो सकता है कि कोई पत्नी अपने पति को दूसरी शादी के लिये सहमति दे? यदि पत्नी को ऐसा लगता है कि उसका पति बहुत धनवान है और वह कई स्त्रियों का भरण-पोषण कर सकता है तब भी क्या एक पत्नी इस विवाह के लिए स्वेच्छा से अनुमति देगी यह प्रश्न मेरी बेटी का है क्योंकि उसका कहना है कि वह आज के हिंदुस्तान में रह रही है और खुद इतनी पढ़ी-लिखी है कि परिवार के अलावा भी कई लोगों का भरण-पोषण बड़ी आसानी से कर सकती है यदि पति न भी कमाए तो फिर क्या कोई पति ऐसी स्त्री को एक पति के रहते स्वेच्छा से दूसरा विवाह कर लेने की अनुमति दे पाएगा? यदि नहीं दे सकता है तो वो कौन से सामाजिक और नैतिक घटक हैं जो कि सिर्फ़ स्त्री पर ही बाध्यकारी हैं। जिस विद्वान के पास उत्तर हो अवश्य दे। लेकिन मुझे एक बात की आशंका है कि इस विवादास्पद विषय पर लोग मानव समाज के धार्मिक पहलुओं के चलते बचना ही चाहेंगे।
जय जय भड़ास
जय जय भड़ास
6 टिप्पणियाँ:
गुरूदेव,हुमा बहन ने जो बात लिखी है वह तो लाखों लड़कियों का सवाल है लेकिन इस बात का अब तक कोई उत्तर नहीं है लेकिन इसे अनुतरित नहीं छोड़ा जा सकता इसलिये उत्तर उपजाना होगा और वो भी हमें ही करना होगा अमरीकन न आएंगे हमारी समस्याएं सुलझाने के वास्ते
जय जय भड़ास
Bilkul sahi sawal hai...
बात तो सही है लेकिन क्या इस सही सवाल का सही जवाब भी कोई देगा या बस ऐसे ही हर आदमी का अपना-अपना बाजा बजेगा? कई बार बलात्कार करने वाले पुरुष की क्षमा याचना पर पंचायत लड़की की शादी उसी बलात्कार करने वाले से करा देती है लेकिन यदि उसके साथ गैंगरेप हुआ हो तो भी क्या पंचायत ऐसे ही फैसले देती है? सामाजिक बदलाव की रफ़्तार इतनी धीमी होती है कि दिखाई ही नहीं देते।
मेरे पास इस सवाल का संवैधानिक उत्तर है लेकिन सहजग्राह्य नहीं है ये भी मुझे पता है।
जय जय भड़ास
गुरूदेव सवाल ही नहीं पैदा होता कि कोई स्त्री सामान्य परिस्थितियों में सहर्ष ही इस बात के लिए सहमत हो। हुमा बहन के संघर्ष में मैं हर तरह के सहयोग के लिये प्रस्तुत हूं।
जय जय भड़ास
गुरुदेव,
धर्म के ठेकेदार आपके किसी सवाल का जवाब नहीं देंगे.
इन्हें तो बस धर्म के नाम पर अपनी अपनी डफली बजानी होती है.
हम अपने इस मंच से इन सभी ढकोसलों का विरोध करते हैं और न्याय के लिए किसी भी हद तक जाने का जय घोष भी.
जय जय भड़ास
आपका सवाल मेरा भी सवाल है.
साथ ही अगर पुरूष संतान उत्पति में नाकाम हो तो क्या वह अपनी पत्नि को दुसरा पति करने देगा?
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