पिछले कुछ समय से राक्षसों द्वारा मचाए जा रहे सूखे के तांडव पर इनके मुनियों के मरने से बारिश पर लगा जो बंध खुला है तो आप सबने देखा कि राजस्थान में बाढ़ आ गयी इतना पानी बरसा। क्या इससे सिद्ध नहीं हो रहा कि इन दुष्टों ने अब तक उस क्षेत्र में बारिश पर बंध लगा रखा था जो कि अब धीरे धीरे एक निश्चित कुदरती नियम में लागू हो जाएगा कि वहां निर्धारित वर्षा होगी। हम सारे लोग अपने अपने घरों की तरफ गये हुए थे तो वहां इंटरनेट नहीं देख सके। यहां आने पर देखा कि संजय कटारनवरे नाम का व्यक्ति तर्कों की कर रहा है। इसका कोई अता पता नहीं है अवतार स्वरूपी डा.रूपेश श्रीवास्तव जी से पहले कहता है कि भड़ास की सदस्यता दीजिये ताकि सीधा लिख सके और जब उन्होंने बात करने को कहा अपना फोन नंबर देकर तो लोकतंत्र में गोपनीयता के अधिकार की बात करके किनारा कर गया। ये चाहता ही नहीं है कि इसकी असलियत सामने आए।
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3 टिप्पणियाँ:
सुमन सर मैं इनकी बात से सहमत हूं कि आपको अपना पक्ष रखते हुए मंच नहीं छोड़ना चाहिये इससे तो ये सिद्ध होता है कि आप कमजोर पड़ गये यानि कि लोकसंघर्ष कमजोर पड़ गया।
जय जय भड़ास
कहां थे आप जमाने के बाद आए हैं....
मेरे शवाब के जाने के बाद आए हैं........
:)
आपने सही कहा है कि विरोध से बचने के लिये मंच छोड़ देना उचित नहीं है
जय जय भड़ास
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