केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय के प्रस्ताव पर मतदान
मंगलवार, 13 जुलाई 2010
प्रिय ,
मैं मतदान (poll) के माध्यम से यह जानना चाहता हूँ कि कितने लोग पारम्परिक वर्तनी "द्व, द्य द्ध त्त ह्न ह्म" के स्थान पर केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय द्वारा प्रस्तावित/ मानकीकृत "द्व द्य द्ध त्त ह्न ह्म" पसन्द करते हैं .
[केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय के प्रस्ताव पर मतदान]
Thank you for your time!
bharhaas.bhadas@blogger.com
http://www.kwiksurveys.com/online-survey.php?surveyID=KLOMGJ_db5ac9f0&ooo=KNMIMLI_83c3f900
Email sent by hindi@inretails.in
Created at Kwik Surveys
Click http://www.kwiksurveys.com/unsubscribe-email.php?parID=KCDOHIJ_f593b067 to opt-out of this email list
3 टिप्पणियाँ:
मानकीकरण के नाम पर हो कमीनापन चल रहा है उससे हम सब परिचित हैं ये वो हरामी लोग हैं जो कि लिपि और भाषा दोनो के शत्रु है और उसका नाश करने पर अमादा हैं। हम सब प्रयास करें कि इन सुअरों की चर्बी उतारी जाए। इन्होंने मानकीकरण के नाम पर ष,ळ,ऋ,लृ,ज्ञ और क्ष जैसे संयुक्त ध्वनि वाले वर्ण गायब कर दिये। ये संस्कृति के चांडाल हैं हमें स्वयं अपनी संस्कृति की निर्वाहक लिपि व भाषा की रक्षा करनी होगी
जय जय भड़ास
सरकारी चोट्टे हैं जो हमारी मातृभाषा का बलात्कार कर इसे जमींदोज करने पर आमादा हैं,
इस कमीनेपन की भड़ास तीव्र निंदा करता है.
जय जय भड़ास
इनको जितना गालियां दी जा सकती हैं सारी की सारी एक साथ समर्पित कर रहा हूं मुझे तो सचमुच कभी कभी ये साजिश ही महसूस होती है
जय जय भड़ास
एक टिप्पणी भेजें