तारकेश्वर गिरि जी सलीम खान,रणधीर सिंह सुमन या गुफ़रान सिद्दकी से भड़ास का निजी विवाद नहीं है

मंगलवार, 27 जुलाई 2010

भड़ास की हालिया पोस्ट जो हमारे डा.रूपेश श्रीवास्तव जी ने लिखी है उस पर तारकेश्वर गिरि जो कि ब्लाग संसद नाम का एक सामुदायिक ब्लाग से जुड़े हैं टिप्पणी करते हैं कि "आपस का मसला है" तो उन्हें बस इतना बताना है कि ये मसला आपस का ही है हम सब भारतीयों का आपसी मसला। आप इससे अलग नहीं है। छद्मनेतृत्व की समस्या को लेकर भड़ास में जनाब वकील साहिब रणधीर सिंह सुमन जी के ’लोकसंघर्ष’ हो या फिर भाई गुफ़रान सिद्दकी के ’अवध पीपुल फ़ोरम’ की बात हो या उनके मजहबी कट्टरपन के बयान की या इसी संदर्भ में रणधीर सिंह जी के कम्युनिस्ट होने की बात.......। कुल मिला कर इस विमर्श में ये निचोड़ने की कोशिश करी जा रही है कि जो लोग अगुआकार बने हैं वे दर असल क्या सोच रखते हैं।
यदि आप सचमुच मिथ्या लोकनिंदा से नहीं भयभीत होते जैसे कि भड़ासी हैं तो आप भी अपनी ब्लाग संसद में इन सवालों को उठा कर देख लीजिये कि कितने लोग वैचारिक पारदर्शिता रखते हैं। लोगों को हमेशा राजनैतिक तौर पर सही बने रहने की बीमारी होती है इसलिये कड़े मुद्दे न उठा कर गुलगुली बातें करके कभी रामप्यारी कभी रामकटोरी छाप लेखन करते हैं और चटुए टिप्पणी करने वालों के दल के दल पहुंच जाते हैं लेकिन सही मुद्दे उठाने पर आप भी आपस का मसला कह कर निकल लेना चाहते हैं।
हमारी बात को साहस करके अपनी ब्लाग संसद में उठाइये यदि हो सके तो हमें भी उस संसद में आवाज उठाने का मौका दीजिये क्योंकि जो शराफ़त का मुखौटा लगाए सफ़ेद कालर लोग जुटे हैं वो चार दिन में ही संसद भंग करके भाग जाएंगे।
जय जय भड़ास

6 टिप्पणियाँ:

PARAM ARYA ने कहा…

बच्चों की पढ़ाई के कारण नगर में बसे परंतु खेती के कारण बारम्बार गांव की ओर भागना पड़ता है। यह देखकर मन प्रसन्न है कि जो काम मैं करना चाहता था वह चल रहा है। भंडाफोड़ कार्यक्रम मूलतः स्वामी दयानंद जी का ही अभियान है। इसमें मेरी ओर से सदैव सहयोग रहेगा। कामदर्शी की पोल मैंने अपने ब्लॉग पर खोल ही दी है। अनवर को मैं आरंभ से ही छकाता थकाता आ रहा हूं।

Unknown ने कहा…

bhaiya ek hi aadmi alag alag naam

बेनामी ने कहा…

गिरी जी भी टपक परे, आव ना देखा ताव बस कुछ भी टिपिया दिया, भाई आपसी होता तो कब का निपटा लेते, वैसे भी भडासी आपसी पर कभी लत्तम जुत्तम नहीं करते हैं. नंगी तभी कहदे होते हैं जब मामला चुसाऊ आम जन का हो या फिर विचार का.
जय जय भड़ास

मुनव्वर सुल्ताना Munawwar Sultana منور سلطانہ ने कहा…

Who(world health organization) या "कौन" ! आप किसके लिये लिख रहे हैं कि एक ही आदमी अलग अलग नाम? नाइस लिखने वाले माधव जी को जनाब रणधीर सिंह सुमन जान रहे हैं शायद.... या कोई दूसरी शंका है जरा स्पष्ट करिये
परम आर्य जी पधारे स्वागत है सोच लीजिये भड़ास पर थकाने छकाने का काम करने के साथ ही भड़ासी घास की जड़ के स्तर तक जनहित की सीधी बात करके नेताओं के विचार जानकर उनके साथ विमर्श कर रहे हैं ये हमारे लिये कबड्डी नहीं है कि बस शुरू हो गए हु तु तू....
एक बार फिर आपका स्वागत है
जय जय भड़ास

बेनामी ने कहा…

ये ऊपर परम आर्य के नाम से जो कमेंट कर रहा है वो इन्ही सलीम खान एंड कम्पनी का मुख्य कर्ताधर्ता हरामखोर गन्दी नाली का कीडा "कैरानवी" है/ इसने कमदर्शी, विश्व गौरव, राहुल, नितिन हिन्दु नाम से अलग अलग प्रोफाईल बना रखे हैं/ मकसद सिर्फ ये कि हिन्दू नाम से ही हिन्दुओं के धर्म ग्रन्थों के बारे में गलत शलत लिखकर समाज में इस धर्म के प्रति भ्रम और नफरत फैलाई जा सके/

Unknown ने कहा…

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